Bhilwara: औद्योगिक इकाइयों द्वारा छोड़ा गया पानी शहर व गांव के लोगों के लिए जहर
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2010677

Bhilwara: औद्योगिक इकाइयों द्वारा छोड़ा गया पानी शहर व गांव के लोगों के लिए जहर

Bhilwara news: भीलवाड़ा के औद्योगिक इकाइयों द्वारा धड़ल्ले से चोरी छुपे नदी में छोड़ा जा रहा कला पानी न सिर्फ शहर वासी या गांव के बासिंदो के लिए जहर बना हुआ है. 

पानी

Bhilwara news: भीलवाड़ा के औद्योगिक इकाइयों द्वारा धड़ल्ले से चोरी छुपे नदी में छोड़ा जा रहा कला पानी न सिर्फ शहर वासी या गांव के बासिंदो के लिए जहर बना हुआ है बल्कि यह पानी शहर के निकटवर्ती गुवारड़ी डेम में लाखों रुपए लगाकर मतस्य पालन करने वालों को भी नुकसान पहुंचा रहा है. 

 मछली पालन के लिए पानी उपयुक्त नहीं 
क्योंकि फैक्ट्रियों के केमिकल युक्त काले पानी के कारण डेम का पानी मछली पालन के लिए उपयुक्त ही नहीं रह गया है. ऐसे में मतस्य पालन करने वालों को तो परेशानी है ही साथ में डेम का पानी प्रदूषित होने के कारण वहां आस-पास रहने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है.

काला पानी लागातार छोड़ा जाता है
गुवारड़ी डेम पर काम करने वाले सीताराम गुर्जर ने बताया कि वह चार-पांच साल से यहां काम रहा है. डेम में प्रोसेस हाउस का काला पानी लागातार छोड़ा जा रहा है, अब इसमें वृद्धि भी हुई है. अब ऐसे गंदे पानी में मच्छी पालन नहीं हो पा रहा है. इसे लेकर कई बार मतस्य पालन विभाग में शिकायत भी की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

किसी प्रकार का कदम नहीं 
 कोई ढंग से जवाब भी नहीं दे पा रहा है. कोई आता भी है तो केवल देख कर वापस चला जाता है. गुर्जर ने बताया कि उसने कोर्ट से संबंधित फेक्ट्री वालों को नोटिस भी दे रखा है, लेकिन अधिकारी आकर खानापूर्ति कर देते हैं. बांध के खराब होते पानी के कारण मछली जिंदा भी नहीं रह पाती है.

गांव और शहर के लिए परेशानी 
 काले पानी की शिकायत भीलवाड़ा में नई नही है पिछले लंबे समय से नदियों में चोरी छुपे छोड़ा जा रहा है काला पानी नदी के रास्ते में आने वाले हर गांव और शहर के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है. विभाग मिलीभगत के चलते खानापूर्ति की कार्रवाई को अंजाम देता है, जिसके कारण काले पानी की समस्या बरसों से जस की तरफ बनी हुई है.

बनास नदी बदल रही स्वरूप 
 गुवारडी बांध बनास नदी पर बना हुआ है और काले पानी के कारण बनास नदी अपना स्वरूप ही बदल चुकी है. हालत यह है कि एक दौर था जब इस नदी में फसलों की या मौसमी फलों की खेती की जाती थी, लेकिन अब केमिकल युक्त कला पानी इतना जहरीला हो गया है की नदी का पानी किसी काम का नहीं रहा.
 नियमों के विपरीत चोरी छुपे केमिकल युक्त काला पानी छोड़े जाने की शिकायतों के बावजूद विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे पा रहा है.

यह भी पढ़ें:बॉर्डर इलाके के एक खेत में मिला पाकिस्तान लिखा हुआ संदिग्ध गुब्बारा, पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां जुटी जांच में

Trending news