भीलवाड़ा फिर कर रहा इस बड़े बड़े खतरे को आमंत्रित, दो साल पहले भुगत चुका है बुरे परिणाम
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भीलवाड़ा फिर कर रहा इस बड़े बड़े खतरे को आमंत्रित, दो साल पहले भुगत चुका है बुरे परिणाम

राजस्थान का भीलवाड़ा शहर एक बार फिर सुर्खियों में है. कोरोना की पहली लहर में पहले हॉट स्पॉट और फिर मॉडल के रूप में उभरने वाले भीलवाड़ा में एक बार फिर बड़ी लापरवाही बरती जा रही है.

भीलवाड़ा फिर कर रहा इस बड़े बड़े खतरे को आमंत्रित, दो साल पहले भुगत चुका है बुरे परिणाम

Bhilwara news : राजस्थान का भीलवाड़ा शहर एक बार फिर सुर्खियों में है. कोरोना की पहली लहर में पहले हॉट स्पॉट और फिर मॉडल के रूप में उभरने वाले भीलवाड़ा में एक बार फिर बड़ी लापरवाही बरती जा रही है. लापरवाही के चलते ही भीलवाड़ा में पहली लहर के दौरान बड़ा कोरोना विस्फोट हुआ था और अब कोरोना से जंग के एक मात्र सुरक्षा कवच यानी वैक्सीन से लोगों ने मुंह मोड़ लिया है. 

भीलवाड़ा की 88 प्रतिशत आबादी ने कोरोना की बूस्टर डोज नहीं लगवाई है. यानी मात्र 12 फीसदी लोगों ने ही जिम्मेदारी को समझा है. हालांकि 97 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज़ लगवा ली है. जबकि 92 प्रतिशत लोगों ने सेकंड डोज लगवाई है. लेकिन बड़ी आबादी ने अभी तक बूस्टर डोज नहीं लगवाया है. 

चीन में एक बार फिर कोरोना का जबरदस्त कहर देखने को मिल रहा है. ऐसे में एक बार फिर कोरोना खतरा बना हुआ है. लिहाजा ऐसे में भीलवाड़ा के चिकित्सा​ विभाग ने आम लोगों ने कोरोना की बूस्टर डोज लगवाने की अपील की है. 

गौरतलब है कि चीन ने दिसम्बर की शुरुआत में तेजी के साथ कई प्रतिबंधों को वापस ले लिया था. जिसके चलते वहां की स्थिति भयावह हो गई और वायरस का प्रकोप तेजी से फैल गया. जिसकी वजह से सर्दी-जुखाम की दवाओं की कमी हो गई. अस्पतालों और क्लीनिकों में लंबी-लंबी लाइनें लगने लगीं. आलम ऐसा है कि श्मशान घाटों में भी शवदाह के लिए लोगों को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

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