भरतपुर: जिले से 4 MLA, मंत्री लेकिन RBM अस्पताल में मोबाइल की रोशनी से मरीजों का इलाज, वीडियो वायरल
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भरतपुर: जिले से 4 MLA, मंत्री लेकिन RBM अस्पताल में मोबाइल की रोशनी से मरीजों का इलाज, वीडियो वायरल

RBM Hospital Bharatpur: सम्भाग के सबसे बड़े RBM जिला अस्पताल में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. यहां मोबाइल टार्च से उजाले कर मरीजों को ड्रिप और इंजेक्शन लगाये जा रहे है. मरीज से लेकर नर्सिंग स्टाफ गर्मी से बेहाल है.

आरबीएम (RBM Hospital) का हाल भगवान भरोसे.

RBM Hospital Bharatpur: सम्भाग के सबसे बड़े आरबीएम (RBM Hospital) जिला अस्पताल में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. विद्युत सप्लाई बाधित होने से मरीज से लेकर अस्पताल प्रशासन हलकान है. आलम यह है कि मोबाइल टार्च से उजाले कर मरीजों को ड्रिप और इंजेक्शन लगाये जा रहे है. मरीज से लेकर नर्सिंग स्टाफ गर्मी से बेहाल है, अस्पताल में  बिजली सप्लाई नहीं होने से डीडीसी काउंटरों पर भी काम प्रभावित हो रहा है.

इस क्षेत्र से दिग्गज विधायक और मंत्री होते हुए भी इस आरबीएम (RBM Hospital) जिला अस्पताल का हाल बेहाल है. विश्वेन्द्र सिंह की गिनती कद्दावर नेताओं में की जाती है. ये डीग के विधायक होने के साथ साथ सूबे की सरकार में पर्यटन मंत्री भी है. 

 

  • विश्वेन्द्र सिंह डीग विधायक - पर्यटन मंत्री 
  • सुभाष गर्ग (भरतपुर) - टेक्निकल मंत्री आयुर्वेदिक
  • जाहिदा खान (कामां) - साइंस एंड टेक्नोलॉजी
  • भजन लाल जाटव (वैर) - PWD मिनिस्टर

सुपरिडेंट डॉ जिज्ञासा साहनी बताया सच
इस पूरे मामले पर अस्पताल सुपरिडेंट डॉ जिज्ञासा साहनी का बयान सामने आया है. साहनी ने बताया कि कई दि से इस समस्या से जूझ रहे . मेडिकल बिल्डिंग में सिविल या इलेक्ट्रिक इंजीनियर तक नहीं है. प्लेसमेंट के लोग ही व्यवस्था देख रहे है जो भगवान भरोसे है. इस समस्या को लेकर कई बार पत्र लिखा जा चुका है लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ.

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यहां टॉर्च की रोशनी में किया जाता है मरीजों का इलाज 
भरतपुर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल का हाल बेहाल है. यहां जब चाहे तब बिजली गुल हो जाती है. हालत ऐसी है कि चिकित्सक टॉर्च जलाकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने कहा यह दुर्भाग्य है कि अस्पताल में बिजली की व्यवस्था गड़बड़ है. अस्पताल की बिल्डिंग की देखरेख के लिए सिविल या इलेक्ट्रिक इंजीनियर तक नहीं है. इसके अलावा बिजली नहीं होने से आउटडोर में कंप्यूटर शुरू नहीं होने से डिस्चार्ज के कागजात भी नहीं बन पाते है और दवाओं के डीडीसी काउंटरों पर परेशानी होती है. 

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