भरतपुर की एसटीसी हाउसिंग बोर्ड कॉलनी की 17 वर्षीय छात्रा दिव्या उर्फ डॉली का सपना था कि वह डॉक्टर बने. इसके लिए वह मेडीकल की एंट्रेंस परीक्षा नीट की तैयारी घर पर ही कर रही थी.
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Bharatpur: भरतपुर के मथुरा गेट थाना इलाके की एसटीसी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की एक छात्रा ने नीट परीक्षा के डिप्रेशन में आकर घर पर फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया. आज आयोजित हुई नीट की परीक्षा में उसको शामिल होना था लेकिन परीक्षा के डिप्रेशन में एक दिन पहले ही रात को उसने मौत को गले लगा लिया. मृतका की मां ने पुलिस को घटना की जानकारी दी पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया.
भरतपुर की एसटीसी हाउसिंग बोर्ड कॉलनी की 17 वर्षीय छात्रा दिव्या उर्फ डॉली का सपना था कि वह डॉक्टर बने. इसके लिए वह मेडीकल की एंट्रेंस परीक्षा नीट की तैयारी घर पर ही कर रही थी. परीक्षा के नजदीक आते ही घरवालों ने उसे पढ़ने के लिए अलग से कमरा भी दे रखा था लेकिन दिव्या परीक्षा के प्रेशर को झेल नहीं पाई और डिप्रेशन में आ गई और उसने इस डिप्रेशन में मौत को गले लगा लिया.
रात 2 बजे जब लड़की की मां उसके कमरे में गई तो वह फांसी के फंदे से लटकी हुई थी. लड़की की मां पूनम शर्मा ने मथुरा गेट थाने में दी. रिपोर्ट में बताया कि उनकी बेटी दिव्या उम्र 17 साल का आज NEET का पेपर था. पेपर की तैयारी के कारण वह अलग कमरे में पढ़ती थी. वह देर रात तक पढ़ाई कर रही थी. पूनम शर्मा रात 2 बजे दिव्या को देखने उसके कमरे में गई तो दिव्या कपड़े से फांसी लगाकर लटकी हुई थी. तब दिव्या की मां ने घर के लोगों को जगाया और पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दिव्या के शव को नीचे उतारा तब तक दिव्या की मौत हो चुकी थी.
डिप्रेशन के कारण लगाई फांसी
दिव्या की मां पूनम शर्मा ने बताया कि दिव्या काफी डिप्रेशन में थी. जिसके कारण उसने फांसी लगा ली. दिव्या के परिजनों का कहना है कि वह पढ़ाई में होशियार थी. आज उसका NEET का पेपर था जिसकी वह तैयारी कर रही थी. पेपर को लेकर वह देर रात तक पढ़ाई करती थी इसलिए उसे एक अलग कमरा भी दिया गया था दिव्या के पिता नहीं हैं. दिव्या दो बहनें थी और एक भाई है. फिलहाल पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया है.
Reporter-Devendra Singh
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