एमक्यू अर्थात मोरल शिक्षा सहनशक्ति रखनी जरूरी है. कोई गुस्सा कर रहा है तो उसमें हमें लड़ना, झगड़ना नहीं है, सहन करना है, गलत, अपशब्द नहीं बोलना है
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Sheo News : महात्मा ज्योतिबा फुले स्कूल में सुबह प्रार्थना के समय रमा कुमारी, मनीषा दीदी द्वारा बच्चों को नैतिक मूल्य शिक्षा के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि हम रोज स्कूल में शिक्षा लेने के लिए जाते हैं, जिससे भौतिक शिक्षा से भौतिक सुख प्राप्त होता है. शिक्षा हमें असत्य से सत्य की ओर ले जाता है. अधर्म से धर्म की ओर ले जाता है. पाप से पुण्य की ओर ले जाता है.
उन्होने बताया कि शिक्षा मतलब आई क्यू बढ़ाना ही नहीं, पर आईक्यू के साथ एक्यू,एमक्यू और एसक्यू भी हमें जानना जरूरी है. उन्होनें कहा कि भावना युक्त जीवन में हमें मां बाप से भावना से रहना, उनका आदर करना, प्यार से रहना, देश के लिए भावना रखना, गुरु व समाज के लिए भावना रखनी चाहिए। उन्होने कहा कि शिक्षा एक बीज है और जीवन एक वृक्ष है और नैतिक गुण जो हमारे जीवन के फल है. गुण जीवन में जरूरी है. हमें मीठा बोलना, धैर्यता रखनी, सबसे प्यार से रहना, गुस्सा नहीं करना, चोरी नहीं करना, झूठ नहीं बोलना, यह हमारे नैतिक मूल्य है. जिससे हमें जीवन में पढ़ाई के साथ यह भी अपनाना जरूरी है.
एमक्यू अर्थात मोरल शिक्षा सहनशक्ति रखनी जरूरी है. कोई गुस्सा कर रहा है तो उसमें हमें लड़ना, झगड़ना नहीं है, सहन करना है, गलत, अपशब्द नहीं बोलना है. एसक्यू अर्थात हमें पढ़ाई के साथ आध्यात्मिक स्त्री चैरिटी भी जीवन में जरूरी है, जिससे हमें जीवन में मूल्य क्या होता है, वह हम अपने जीवन में उतार सकते हैं. इसका परिचय हमें अंतरात्मा का जागृत करना ही ये आध्यात्मिकता है. इसके साथ स्कूल के सभी अध्यापक एवं अध्यापिकाओं सहित विद्यार्थी उपस्थित थे.
रिपोर्टर - भूपेश आचार्य