भारतीय मानक ब्यूरो ने बाड़मेर में दो ज्वैलर्स के यहां की छापेमारी, हॉलमार्क जांचे
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भारतीय मानक ब्यूरो ने बाड़मेर में दो ज्वैलर्स के यहां की छापेमारी, हॉलमार्क जांचे

ज्वैलरी पर फर्जी तरीके से उच्च क्वालिटी के हॉलमार्क लगाने की मिल रही शिकायतों के बाद भारतीय मानक ब्यूरो की जयपुर से 2 टीम बुधवार को बाड़मेर पहुंची और बाड़मेर शहर में दो अलग-अलग ज्वेलर्स की दुकानों पर छापेमारी कर हॉलमार्किंग की जांच की गई.

भारतीय मानक ब्यूरो ने बाड़मेर में दो ज्वैलर्स के यहां की छापेमारी, हॉलमार्क जांचे

Barmer: स्वर्ण आभूषणों की ज्वैलरी पर फर्जी तरीके से उच्च क्वालिटी के हॉलमार्क लगाने की मिल रही शिकायतों के बाद भारतीय मानक ब्यूरो की जयपुर से 2 टीम बुधवार को बाड़मेर पहुंची और बाड़मेर शहर में दो अलग-अलग ज्वेलर्स की दुकानों पर छापेमारी कर हॉलमार्किंग की जांच की गई. साथ ही एक दुकान पर हॉलमार्किंग का लाइसेंस नहीं होने और हॉलमार्क लगे हुए आभूषण बेचते पाए जाने पर हॉलमार्क लगे कुछ आभूषण मानक ब्यूरो की टीम ने बरामद किए.

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वहीं, बाड़मेर शहर के सुभाष चौक स्थित बाड़मेर हॉलमार्किंग सेंटर पर भी करीब 4 घंटे की मानक ब्यूरो की टीम ने कार्रवाई कर दस्तावेजों की जांच की. इस दौरान मानक ब्यूरो की टीम ने हॉल मार्क लगाने की मशीन सहित लैपटॉप और अन्य कागजात को भी जब्त किया. वहीं, फर्जी तरीके से लगाए गए हॉलमार्क आभूषण को भी बरामद कर जांच कर रहे हैं. मानक ब्यूरो टीम की इस कार्रवाई के बाद बाड़मेर के ज्वेलर्स व्यवसायियों में हड़कंप मच गया और तुरंत ही अपने ज्वेलर्स के प्रतिष्ठान बंद कर व्यापारी भूमिगत हो गए. उनके प्रतिष्ठानों पर ताले लटके नजर आए. कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था के मद्देनजर कोतवाली पुलिस का जाब्ता मानक ब्यूरो टीम के साथ उपस्थित रहा.

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गौरतलब है कि बाड़मेर जिले में ज्वेलर्स के व्यापारी 16 कैरेट सोने के आभूषणों को 22 कैरेट सोने का बता कर उस पर फर्जी हॉल मार्क लगा कर लगातार ग्राहकों के साथ ठगी करने की शिकायतें मिल रही थी जिसके बाद मानक ब्यूरो टीम ने बाड़मेर में इस कार्रवाई को अंजाम दिया वही इस कार्रवाई के बाद धोरीमना में भी व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद कर भाग गए. ज्वेलर्स व्यापारियों द्वारा इस कार्रवाई के बाद अपने प्रतिष्ठान बंद कर भाग जाने से एक बात तो साफ हो रही है कि किस तरीके से निम्न क्वालिटी की स्वर्ण ज्वेलरी पर उच्च क्वालिटी के हॉल मार्क लगा कर खुलेआम लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं.

क्या है हॉलमार्किंग

सोने की खरीदारी में लोगों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिये हॉलमार्किंग की शुरुआत की गई है. किसी आभूषण में सोने की मात्रा अलग अलग होती है, जो उसकी शुद्धता यानि कैरेट के आधार पर तय होती है. कई बार ज्वैलर्स कम कैरेट के आभूषणों पर ऊंची कैरेट की कीमतें वसूलते हैं. इसी को खत्म करने के लिये हॉलमार्किग को अनिवार्य बनाया गया है. दरअसल हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता की गारंटी होती है. हॉलमार्क हर आभूषण पर लगने वाला एक निशान होता है, जिसमें भारतीय मानक ब्यूरों यानि बीएसआई का लोगो, उसकी शुद्धता दी होती है. इसके साथ ही टेस्टिंग सेंटर आदि की भी जानकारी हॉलमार्किंग में मिलती है.

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