बाड़मेर: मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर,जयपुर पहुंचे महापड़ाव में सैकड़ों मंत्रालयिक कर्मचारी
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बाड़मेर: मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर,जयपुर पहुंचे महापड़ाव में सैकड़ों मंत्रालयिक कर्मचारी

बाड़मेर न्यूज: मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं. बाड़मेर से जयपुर महापड़ाव में सैकड़ों मंत्रालयिक कर्मचारी पहुंचे हैं. कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से कई कार्यालयों में ताले लगने की नौबत आ गई है.

 

बाड़मेर: मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर,जयपुर पहुंचे महापड़ाव में सैकड़ों मंत्रालयिक कर्मचारी

Barmer: बाड़मेर जिला परिषद एवं पंचायत समितियों में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों के विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन अवकाश पर चले जाने से सरकारी काम-काज प्रभावित होने लगा है. इसकी वजह से दूरस्थ इलाकों से आने वाले जन प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों को बैरंग लौटना पड़ रहा है. इधर, सैकड़ों मंत्रालयिक कर्मचारी महापड़ाव में शामिल होने के लिए जयपुर पहुंचे. उन्होंने मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगे नहीं माने जाने तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी है.

पंचायतीराज मंत्रालयिक कर्मचारी संगठन बाड़मेर के जिलाध्यक्ष चेनाराम चौधरी ने बताया कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से ग्रामीण विकास से जुड़े प्रभावित होने लगे है. ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के साथ अन्य विकास कार्य प्रभावित होने के साथ ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला स्तर पर आने वाले जन प्रतिनिधियों तथा आमजन को सरकारी काम-काज बाधित होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रदेश में राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ एवं पंचायती राज मंत्रालयिक कर्मचारी संगठन के आहवान पर जिला परिषद एवं पंचायत समितियों में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारी 10 अप्रैल से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर है. जिलाध्यक्ष चौधरी ने बताया कि कर्मचारियों की मांगे नहीं माने तक आंदोलन जारी रहेगा. इधर, जयपुर में सोमवार से प्रारंभ हुए महापड़ाव में शामिल होने के लिए बाड़मेर से सैकड़ों मंत्रालयिक कर्मचारी जयपुर पहुंचे. कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से कई कार्यालयों में ताले लगने की नौबत आ गई है.

वहीं दूरस्थ इलाकों में काम काज के लिए सरकारी कार्यालयों में आने वाले आमजन को मजबूरन खाली लौटना पड़ रहा है. उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर 2021 को राज्य सरकार एवं महासंघ के साथ हुए लिखित समझौते की पूर्ण पालना नही होने एवं 3 फरवरी को बजट पूर्व ध्यानाकर्षण महारैली के माध्यम से मंत्रालयिक कर्मचारियों की पीडा से अवगत कराने के बावजूद महासंघ की महत्वपूर्ण वित्तिय मांगों को बजट घोषणाओं में भी उपेक्षित रखने से मंत्रालयिक कर्मचारियों में आक्रोश है.

ये हैं मुख्य मांगे

इसकी वजह से महाआंदोलन का निर्णय लिया गया है. पंचायतीराज विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारी पंचायती राज नियमों में अन्तर जिला स्थानान्तरण अनुमत करने,पंचायती राज संस्थाओं में भी मंत्रालयिक संवर्ग के उच्च पदों की संख्या कैडर के पदों की 53 प्रतिशत करने, कर्मचारियों के नियमित रूप से वेतन भुगतान करने, मंत्रालयिक कर्मचारियों को भी हार्ड डयूटी अलाउन्सेज स्वीकृत करने, जोब चार्ट जारी करने, कनिष्ठ सहायकों की बकाया भर्ती करने, मंत्रालयिक संवर्ग के एन्ट्री स्केल के पद कनिष्ठ सहायक की शैक्षणिक योग्यता राजस्थान विधानसभा की तर्ज पर स्नातक करने एवं स्टेट पेरिटी के आधार पर ग्रेड पे 3600 करने, समकक्ष संवर्ग ग्राम सेवक एवं कृषि पर्यवेक्षक की भांति प्रथम पदोन्नति के पद वरिष्ठ सहायक की ग्रेड पे 3600 करने, पंचायती राज संस्थाओं के मंत्रालयिक कर्मचारी को राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय मंत्रालयिक सेवा नियम 1999 के तहत लाने, मंत्रालयिक संवर्ग में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के पद को अधीनस्थ सेवाओं में तथा प्रशासनिक अधिकारी एवं संस्थापन अधिकारी के पद को राज्य सेवा के पद घोषित करने एवं इन पदों को 100 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का वर्तमान प्रावधान यथावत लागू रखने तथा मंत्रालयिक संवर्ग सें ग्रामीण विकास राज्य सेवा में पदोन्नति का कोटा फिक्स करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश एवं आंदोलन पर है.

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