Anta : एनएच 27 पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा, हादसे में लोगों की जा रही जान
Advertisement

Anta : एनएच 27 पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा, हादसे में लोगों की जा रही जान

नेशनल हाईवे पर तो रोजाना बड़ी संख्या में आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है. ऐसे में वाहन चालकों को रोजाना काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

 

Anta : एनएच 27 पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा, हादसे में लोगों की जा रही जान

Anta : राजस्थान के बारां जिलें से गुजरते नेशनल हाईवे 27 पर, रोजाना आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है. जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आए दिन वाहनों की चपेट में आने से आवारा मवेशी भी बेमौत मारे जा रहे हैं, वही हर महीने हाईवे पर 30 से ज्यादा हादसे हो रहे हैं और 3 से 4 लोगों की औसतन मौतें हाइवें पर हो रही है.

अंता में  नेशनल हाईवे 27 पर बारिश के मौसम के चलते जगह-जगह आवारा मवेशी झुंड के रूप में बैठे रहते हैं. ऐसे में तेज गति से आने वाले वाहनों की चपेट में आने से अब तक कई जानवरों की भी मौत हो चुकी है. वहीं इन जानवरों से टकराने से कई वाहन चालक भी दुर्घटना ग्रस्त हो चुके हैं. कई गंभीर घायल तो कई लोगों की मौत तक हो जाती है, जबकि इस समस्या पर ना तो नेशनल हाईवे प्रशासन का ध्यान है और ना ही जिला प्रशासन की ओर से ध्यान दिया जा रहा है. 

बारां से गुजरने वाले वाहनों को फतेहपुर में मुडियर टोल पर भारी भरकम टोल चुकाना पड़ता है, लेकिन सुविधा के नाम कुछ नहीं हाइवे पर दर्जनों जगह दुघर्टना के कारण मौके के शिकार बने मवेशी रोड पर ही पड़े रहते है लेकिन टोल कंपनी इस ओर कोई ध्यान नही देती है.

नेशनल हाईवे 27 पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा, इसका खामियाजा इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों सहित आवारा मवेशियों को भुगतना पड़ रहा है. अभी हाल ही में बटावदा के पास नेशनल हाईवे पर अज्ञात वाहन की टक्कर से 5 गायों की एक साथ दर्दनाक मौत भी हो गई. 

किरोड़ी लाल मीणा के साथ, अजमेर रोड पर डटे CHA, क्या बातचीत से निकलेगा हल ?

इसके बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पलायन में नेशनल हाईवे पर तो रोजाना बड़ी संख्या में आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है. ऐसे में वाहन चालकों को रोजाना काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

सबसे दिलचस्प बात तो ये है, कि इस क्षेत्र के गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया की तरफ से अंता विधान सभा क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला खोलने की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई है. ऐसे में आवारा मवेशियों को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है. 

वहीं, कई जानवरों को अपनी मौत की कीमत तक चुकानी पड़ रही है. आवारा मवेशियों को खुले रूप से रोड पर छोड़े जाने के सबसे बड़े दोषी उनके मालिक भी हैं, जिनके तरफ से इन मवेशियों की समय-समय पर सार सम्भाल नहीं ली जा रही है.

रिपोर्टर- राम मेहता

बारां की खबरों के लिए क्लिक करें

गुजरात में शराबबंदी पर बीजेपी, तो पोस्टर से महात्मा गांधी की फोटो गायब होने पर AAP पर गहलोत का तंज

Trending news