Anta, Baran: राजस्थान के बारां के मांगरोल में हुई महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए है. इस दौरान किसानों ने कहा कि केंद्र में सांसद और राज्य में केबिनेट मंत्री होने के बाद भी जिले के किसानों को बीमा क्लेम और मुआवजा तक नहीं मिल पा रहा है.
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Anta, Baran: राजस्थान के बारां के मांगरोल में संयुक्त किसान संघर्ष समिति मांगरोल के बैनर तले क्षेत्र के किसानों की मुख्य समस्याएं बीमा क्लेम और मुआवजे के साथ संपूर्ण कर्ज माफी गौशाला निर्माण सहित कई मांगों को लेकर पिछले 9 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 18 ग्राम पंचायतों के 76 गांवों के किसानों की किसान महापंचायत तहसील कार्यालय मांगरोल पर हुई महापंचायत में बड़ी संख्या में शामिल हुए किसानों ने कहा कि केंद्र में सांसद और राज्य में केबिनेट मंत्री होने के बाद भी जिले के किसानों को बीमा क्लेम और मुआवजा तक नहीं मिल पा रहा है.
किसानों को अपनी वाजिब मांगों को लेकर भी कड़कड़ाती सर्दी में न्याय मांगने के लिए सड़कों पर बैठना पड़ रहा है, जो सरकार और प्रतिनिधियों की किसानों के प्रति अमानवीयता को दर्शा रहा है. पिछले चार साल से किसान समस्याओं को लेकर कुंभकर्णी नींद में सो रहे है. राजनीतिक दलों द्वारा अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए यात्राएं निकाल कर लाखों करोड़ों रुपये फूके जा रहे, लेकिन किसानों की समस्याओं पर चुप्पी साधे बैठे हैं, जबकि 2018 के चुनावों में किसानों से की गई संपूर्ण कर्ज माफी गौशाला निर्माण सहित सभी मांगें लंबित पड़ी हुई है.
मांगरोल तहसील कार्यालय पर पिछले 9 दिन से बीमा क्लेम मुआवजा सहित विभिन्न मांगों पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने को किसान नेता सत्यनारायण सिंह धर्मा धाकड़ छबड़ा दुलीचंद मीणा, सरपंच विक्रम चौधरी, राकेश मीणा, भुवनेश मीणा, रामनरेश मीणा, महेश नागर, हरिशंकर मीणा ने किसानों को संबोधित किया.
वहीं धरने पर पहुंचे अधिकारियों द्वारा किसानों से वार्ता के बाद समस्या समाधान पर 7 दिन के आश्वासन पर किसान महापंचायत में जुटे किसानों की सर्वसम्मति से प्रशासन और सरकार को 7 दिन की चेतावनी के साथ धरना स्थल छोड़ते हुए कहा कि 7 दिन में किसानों की वाजिब मांगों का निस्तारण नहीं हुआ तो मांगरोल, सीसवाली से गुजरने वाले सभी राजमार्गों पर किसान चक्काजाम करेंगे.
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किसान महापंचायत के समापन के बाद समिति संयोजक रामचन्द्र मीणा के नेतृत्व में 76 गांवों से बड़ी संख्या में आए किसान नारेबाजी करते हुए रैली के रूप में उपजिला कलेक्टर कार्यलय पहुंचे, जहां उपजिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा गया. इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में किसान शामिल थे.
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