अलवर के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं यूएसए में बैठे भारतीय सिख
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अलवर के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं यूएसए में बैठे भारतीय सिख

Alwar: अलवर के ग्रामीण क्षेत्रों में यूएसए में बैठे भारतीय सिख शिक्षा की अलख जगा रहे हैं.

अलवर के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं यूएसए में बैठे भारतीय सिख

Alwar: विदेशों में बैठे भारतीयों को चिंता है अपने देश की, वो चाहते है कोई भी गरीब वर्ग या ग्रामीण क्षेत्र का बच्चा अच्छी शिक्षा से वंचित न रहे, इसलिए विदेश में बैठे सरदार जगदीश सिंह ने अलवर के एक छोटे से गांव लिवारी में एक ऐसा स्कूल खुलवाया है, जहां इंग्लिश मीडियम में सिर्फ सिख समाज ही नहीं विभिन्न धर्मों के बच्चें इसमे निशुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

सरदार जगदीश सिंह चाहते है संसाधनों के अभाव में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे ,जगदीश सिंह की इच्छा अपने देश के बच्चों को पढ़ा लिखाकर एक काबिल इंसान बनाने की है, उनका सपना साकार भी होता हुआ नजर आ रहा है, अलवर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है, यहां लिवारी गांव में सिख समाज की ओर से एक ऐसा स्कूल चलाया जा रहा है. जहां न सिर्फ सिख समाज बल्कि सभी समाज से जुड़े गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा से लेकर सारी सुविधाएं दी जा रही है, इन्हें पढ़ने की किताब, कॉपी, सहित बैग इत्यादि निशुल्क दिया जाता है, इतना ही नहीं, यहां आसपास के अलावा दूर-दूर से भी बच्चे पढ़ने आ रहे है जिन्हें यातायात सुविधा भी फ्री दी जा रही है, लिवारी में बना यह स्कूल किसी निजी स्कूल से भी कम नही लगता.

अलवर के लिवारी गांव में सिक्खी सिखिया गुरु प्रचार एकेडमी द्वारा सिख समाज सहित सभी समाज सभी वर्गों के गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का निर्णय किया है , इसमे यूएस में बैठे जगदीश सिंह का मानना है नर सेवा ही नारायण सेवा है, उन्होंने विदेश में बैठे वहां के वातावरण को देखा तो उन्हें लगा हमे भी अपने भारतीय बच्चो को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए ताकि वह भी किसी मुकाम पर पहुंच कर समाज व देश के लिए कुछ कर सके, उन्होंने अलवर के लिवारी गांव में एक अंग्रेजी स्कूल की शुरुआत की जिसमे आज विभिन्न समाज के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रो के सैकड़ो की संख्या में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

इतना ही नहीं इन बच्चो को यहां निजी स्कूल जैसा वातावरण मिलता है, यहां का जिम्मा सम्भाल रहे तारीफ सिंह ने बताया कि यहां समय-समय पर विभिन्न तरह की प्रतियोगिता बच्चो में कराई जाती है, विद्वान लोगों को बुलाकर उनका उद्बोधन कराया जा सके, धार्मिक व सांस्कृतिक ज्ञान के लिए भी समय समय पर आयोजन किए जाते हैं, हाल ही में चित्रकला व दस्तार प्रतियोगिता कराई गई. जिसमें विजेता बच्चो को पुरुस्कार वितरित किए गए, इस दौरान गुरुद्वारा बाला साहेब के मुख्य ग्रन्थि सुखविंदर सिंह, दिल्ली उच्च न्यायालय के एडवोकेट जगमिंदर व अमरीक सिंह ने बच्चो को पुरुस्कार वितरित किये. कुल मिलाकर आज विदेश में बैठे लोगों का भारत व भारतीय बच्चो के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझना काबिले तारीफ ही कहा जायेगा.

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