Hindi Diwas 2024: हिन्दी दिवस पर नाट्यवृंद ने की चित्र आधारित रचना गोष्ठी, साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया ने किया संगोष्ठी का आयोजन
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2431222

Hindi Diwas 2024: हिन्दी दिवस पर नाट्यवृंद ने की चित्र आधारित रचना गोष्ठी, साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया ने किया संगोष्ठी का आयोजन

Ajmer News: हर्षुल मेहरा ने 'बढ़ रही हैं बेटियां' कविता से सभी का मन मोह लिया. वहीं पूनम पांडे ने 'चलते रहने का है जुनून', तस्दीक अहमद ने 'कैसे मां चूल्हा जलाएगी' रचनाएं प्रस्तुत की.

Hindi Diwas 2024: हिन्दी दिवस पर नाट्यवृंद ने की चित्र आधारित रचना गोष्ठी, साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया ने किया संगोष्ठी का आयोजन

Hindi Day 2024: नाट्यवृंद संस्था (natya vrind group) की ओर से अभिनव प्रयोग करते हुए हिंदी दिवस पर "चित्र आधारित रचना" संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसका संयोजन नाट्यवृंद संस्था के संस्थापक और साहित्याकर उमेश कुमार चौरसिया ने किया. 

संयोजक उमेश कुमार चौरसिया ने बताया कि गोष्ठी में देशभर के 24 साहित्यकारों ने "सिर पर लकड़ियों का गठ्ठर'' और कांधे पर स्कूल का बस्ता लिए बालिका के चित्र" को केंद्र में रखते हुए प्रभावी गीत,कविता, लघुकथा, मुक्तक और दोहों की रचना कर आभासी पटल पर प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालक डॉ पूनम पांडे ने किया और समीक्षात्मक चर्चा से सबको बांधे रखा.

अध्यक्षता कर रहे कवि जितेंद्र निर्मोही ने गीत' यह मजबूरी और यह बस्ता ढूंढ रही अपना रास्ता', सुधीर सक्सेना सुधि ने 'ना हारी ना बेचारी हूं', डॉ नीलिमा तिग्गा ने 'मैं बहादुर',  डॉ भारती शर्मा ने 'मैं हार नहीं मानूंगी', डॉ मधु खंडेलवाल ने 'गीत निभा रही है जिम्मेदारी', उमेश चौरसिया ने 'बेटी को सम्मान मिले', 'भावना शर्मा ने ज्ञान की अलख जगाए हूं',  डॉ अनंत भटनागर ने 'राह कठिन है दूर छिपी है भोर से' सभी का दिल जीत लिया.

इसके अलावा हर्षुल मेहरा ने 'बढ़ रही हैं बेटियां' कविता से सभी का मन मोह लिया. वहीं पूनम पांडे ने 'चलते रहने का है जुनून', तस्दीक अहमद ने 'कैसे मां चूल्हा जलाएगी', वर्षा शर्मा ने 'वक्त मेरा है अब', संदीप पांडे शिष्य ने 'नारी सब पे भरी', पुष्पा क्षेत्रपाल ने 'मां बाप की छांव', डॉ विनीता अशित जैन ने 'एक लक्ष्य को मैने साधा', अनूप कटारिया ने 'बना रहे शिक्षा से रिश्ता' काव्य रचनाएं प्रस्तुत की.

वहीं गोविंद भारद्वाज ने 'मजबूरी', सोनू कुमारी ने 'माया', प्रतिभा जोशी ने 'दुर्गा' लघुकथाएं प्रस्तुत की. सुनील मित्तल, पायल गुप्ता, हरी व्यास, प्रदीप गुप्ता ने भी पूरे दिन चले सार्थक विमर्श में सहभागिता की. इस दौरान सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट भी दिए गए.

 

Trending news