गैस लाइन डालने के दौरान बिना किसी रूट मैप के खुदाई करने के समय पेयजल वितरण पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है और खुदाई करने वाले मजदूर उस पर मिट्टी डालकर अपना काम खत्म कर लेते है.
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Beawar: शहरी क्षेत्र में गैस पाइप लाइन डालने के दौरान शहर के कई क्षेत्रों मे पेयजल पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त होने के कारण शहरवासियों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
गैस लाइन डालने के दौरान बिना किसी रूट मैप के खुदाई करने के समय पेयजल वितरण पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है और खुदाई करने वाले मजदूर उस पर मिट्टी डालकर अपना काम खत्म कर लेते है. अगले दिन जब क्षेत्र में पेयजल वितरण किया जाता है, तब जाकर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिलती है. शहर के देलवाड़ा रोड स्थित मनोहर नगर में भी गैस पाइप लाइन डालने के दौरान पेयजल वितरण लाइन क्षतिग्रस्त हो गई. शनिवार सुबह जब क्षेत्र में पेयजल वितरण किया गया तो सारा का पानी सडक़ों पर बह गया.
जिसके कारण क्षेत्रवासियों के घरों में पीने योग्य पानी भी नहीं पहुंचा. जानकारी पर क्षेत्रीय पार्षद माया यादव तथा समाजसेवी शंकर यादव ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को सूचित कर पेयजल वितरण बंद करवाया. लेकिन तब तक सैकड़ों लीटर पानी व्यर्थ बह गया. क्षेत्रवासी त्रिलोकचंद शर्मा ने बताया कि गैस लाइन डालने के दौरान मजदूरों को बताया गया था कि जिस जगह खुदाई की जा रही है वहां नीचे पेयजल लाइन है लेकिन मजदूरों ने क्षेत्रवासियों की नहीं सुनी और खुदाई कर दी.
खुदाई के दौरान पेयजल वितरण लाइन क्षतिग्रस्त हो गई जिसके कारण शनिवार सुबह पेयजल वितरण के दौरान सैकड़ों लीटर पानी व्यर्थ बह गया. मालूम हो कि शहरी क्षेत्र में गैस पाइप लाइन डालने के दौरान संबंधित कंपनी तथा जलदाय विभाग के बीच सामंजस्य नहीं होने के कारण गैस खुदाई कंपनी के मजदूर अपनी मनमर्जी से खुदाई शुरू कर देते हैं. जिसके कारण पेयजल वितरण वितरण की पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो जाती है. जिसका खामियाजा जल उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है.
Reporter-Dilip Chouhan
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