Ajmer news : अजमेर की कायड़ विश्राम स्थली पर रविवार को जन स्वाभिमान मंच के बैनर तले संयोजक राजऋषि संत समता राम महाराज (Rajrishi Saint Samta Ram Maharaj) के नेतृत्व में जन स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया गया.
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Ajmer news : अजमेर की कायड़ विश्राम स्थली पर रविवार को जन स्वाभिमान मंच के बैनर तले संयोजक राजऋषि संत समता राम महाराज (Rajrishi Saint Samta Ram Maharaj) के नेतृत्व में जन स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में सभी जाति वर्ग समुदाय के लोग शामिल हुए और वक्ताओं ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य समाज में संतों के माध्यम से समरसता लाना और सभी वर्ग के लोगों को न्याय, सेवा और सुरक्षा मुहैया कराना है.
आरक्षित को संरक्षण और वंचित को आरक्षण
सम्मेलन में वक्ताओं ने जातिवाद के खात्मे के लिए आह्वान किया और कहा कि समाज को जातिवाद से मुक्त कराकर मानवतावादी विचारधारा को मजबूत करना होगा. आरक्षित को संरक्षण और वंचित को आरक्षण दिलवाना होगा. मूल ओबीसी को अधिकार, महिलाओं को सम्मान, दलित आदिवासियों पर अत्याचार के खिलाफ संघर्ष, आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई, लोकतंत्र में अपेक्षित वर्ग के हक के लिए आवाज उठाना जैसे मुद्दों पर सम्मेलन में संतों ने अपनी बात रखी. सम्मेलन को संबोधित करते हुए समताराम महाराज ने कहा कि वर्तमान में न तो देश खतरे में है और न ही सनातन धर्म, खतरे में है तो केवल मानवता .
आज जातिवाद का जहर इतना घुल चुका है कि राजस्थान खतरे में है. देश में वास्तविक पिछड़ों व वंचितों, अनुसूचित जाति, जनजाति का पिछड़ापन कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है. आज देश में पिछड़ों विशेषतः मूल OBC, SC, ST, Minority, Most Backward एवं किसानों से सम्बन्धित वर्ग सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनैतिक दृष्टि से पिछड़ेपन का शिकार हैं.
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'जाति विशेष का वर्ग कमजोर' वर्गों के हक को मार रहा है
साधन सम्पन्न वर्ग द्वारा साधनहीन वर्ग के शोषण का चक्र लगातार चलता ही जा रहा है. समताराम महाराज ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद भी साधन सम्पन्न और जाति विशेष का वर्ग कोई न कोई रास्ता निकाल कर पिछड़ों एवं कमजोर वर्गों के हक को मार रहा है.देश में शासन-प्रशासन सहित सभी क्षेत्रों में साधन सम्पन्न वर्ग ही कब्जा जमा हुए हैं और वर्षों से शासन-प्रशासन में इन वर्गों का आधिपत्य है.
हक को दबाए बैठी व्यवस्था के विरुद्ध क्रांति
कमजोर वर्गों एवं पिछड़ों के हक को दबाए बैठी व्यवस्था के विरुद्ध क्रांति का आगाज किया जाना आवश्यक है. पिछड़ों की शासन-प्रशासन में भागीदारी न के बराबर है. सरकारी नौकरियां हो, चाहे संवैधानिक पद प्रत्येक क्षेत्र में पिछड़े लोग दिन-प्रतिदिन पिछड़ते ही जा रहे हैं. संत समताराम ने संबोधित करते हुए कहा कि जाति विशेष अपना मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है.
मुख्यमंत्री का पद ले लो लेकिन आरक्षण वापस करना होगा. दोनों ही नहीं मिल सकते . उन्होंने यह भी कहा कि आज कोई भी पद हो, आरक्षण का 75 फीसदी फायदा यह एक जाति विशेष ही उठा रही है. जो साधन सम्पन्न होती जा रही है और अन्य जाति का शोषण हो रहा है। ऐसे में इनको शोषण से बचाने के लिए यह मुहिम शुरू की गई है