छत्तीसगढ़ के 'बासी' व्यंजन में है ढेर सारे गुण, जानें इनके फायदें
Zee News Desk
Jan 25, 2025
संस्कृति और सभ्यता
छत्तीसगढ़ के लोग आज भी अपने जीवनशैली में अपनी संस्कृति और सभ्यता को साथ लेकर चलते हैं.
प्रेरणा
खानपान से लेकर जीवन जीने के हर ढंग में उनकी सभ्यता और संस्कृति झलकती है जिसकी वजह से लोग उनसे प्रेरणा भी लेते हैं.
'बासी'
छत्तीसगढ़ के खानपान का एक अनोखा तरीका बहुत चर्चे में रहता है, जिसे 'बासी' के नाम से जाना जाता है.
बासी एक आहार है
'बासी' एक तरह का आहार है जिसे दिन या रात के बचे हुए चावल को सादे पानी में भिगोकर खाया जाता है. 'बासी' को नाश्ते के तौर पर या खाने के वक्त भी खा सकते हैं.
पोषण से भरपूर
'बासी' स्वादिष्ट होने के साथ-साथ ये पोषण से भी भरपूर होता है और इसे हर दिन खाने की सलाह दी जाती है.
बासी खाने से जुड़ी बातें
कहा जाता है कि अगर आपने सुबह नाश्ते में बासी खाया है तो, 8 बजे के बाद ही घर से निकलना होगा और दिन में खाने के वक्त बासी खाया है तो 1 बजे के बाद घर से निकलने को कहा जाता है.
'बोरे' और 'बासी'
'बोरे' और 'बासी' का खास संबंध होता है, बोरे भी एक आहार है जिसमें चावल शामिल होता है.
'बोरे' और 'बासी' में अंतर
'बोरे' को खाने के लिए तुरंत भिगोए हुए चावल को खाया जाता है.
इसे खाने से नहीं है नुकसान
'बासी' को खाने के लिए रात भर भात यानी चावल को भिगोया जाता है. नाम बासी है लेकिन इन्हें खाने से कोई नुकसान नहीं होता है.