Nirjala Ekadashi Kab Hai: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है. एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी (Ekadashi 2024) को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) कहा जाता है. जानें इस व्रत को रखने की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व.
यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. ज्येष्ठ महीने में आने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं और इस दिन निर्जल व्रत रखने का रिवाज है. आइए एमपी के पंडित सच्चिदानंद त्रिपाठी से जानते हैं निर्जला एकादशी कब है?
हिंदु कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जून को सुबह 04:43 बजे से लग रही है. जो 18 जून को सुबह 07:28 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून को रखा जाएगा.
निर्जला एकादशी व्रत का पारण 19 जून को किया जाएगा. उस दिन निर्जला एकादशी व्रत पारण करने का समय सुबह 05:24 बजे से 07:28 बजे के बीच है.
हिंदू धर्म में एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप खत्म हो जाते हैं और उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मान्यताओं के अनुसार जो लोग एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें बैकुंठ में स्थान मिलता है. ज्येष्ठ माह में आने वाली निर्जला एकादशी का महत्व अधिक है.क्योंकि यह व्रत अत्यधिक गर्मी में पड़ता है और ऐसी स्थिति में यदि पानी दान किया जाए तो बहुत अधिक पुण्य प्राप्त होता है.
इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति खुद तो पानी नहीं पीता लेकिन दूसरों को पानी जरूर पिलाता है. इस दिन पशु-पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करना पुण्य का काम माना जाता है.
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