MP Chunav: यहां 15 साल से दोबारा नहीं जीत सकी कोई पार्टी, क्या कांग्रेस तोड़ सकेगी सियासी ट्रेंड?
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MP Chunav: यहां 15 साल से दोबारा नहीं जीत सकी कोई पार्टी, क्या कांग्रेस तोड़ सकेगी सियासी ट्रेंड?

MP Assembly Election 2023: छतरपुर जिले के महाराजपुर विधानसभा सीट मध्य प्रदेश की ऐसी सीट है, जहां पिछले 15 साल से कोई भी पार्टी लगातार चुनाव नहीं जीत सकी है. इस सीट पर वर्तमान में अभी कांग्रेस का कब्जा है और भाजपा अपना प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है. बीजेपी ने कामाख्या प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है.

MP Chunav: यहां 15 साल से दोबारा नहीं जीत सकी कोई पार्टी, क्या कांग्रेस तोड़ सकेगी सियासी ट्रेंड?

Seat Analysis: छतरपुर जिले के महाराजपुर विधानसभा सीट मध्य प्रदेश की ऐसी सीट है, जहां पिछले 15 साल से कोई भी पार्टी लगातार चुनाव नहीं जीत सकी है. इस सीट पर वर्तमान में अभी कांग्रेस का कब्जा है और भाजपा अपना प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है. बीजेपी ने कामाख्या प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है. दूसरी ओर कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन मौजूदा विधायक नीरज दीक्षित टिकट को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं और उन्होंने क्षेत्र में प्रचार शुरू कर दिया है.

पिछले चुनाव के नतीजों की बात करें तो कांग्रेस के नीरज दीक्षित ने भाजपा के मानवेंद्र सिंह को 14,005 वोटों से हराया था. तीसरे नंबर पर आए राजेश महतो भी 27,000 से ज्यादा वोट हासिल करने में कामयाब रहे.  2018 में महाराजपुर में कुल 37 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.

विधानसभा सीट का इतिहास

साल विधायक पार्टी
1962      नाथूराम            जनसंघ
1967          लक्ष्मण दास अहिरवार    कांग्रेस
1972             नाथूराम            जनसंघ
1977     रामदयाल अहिरवार           जनता पार्टी
1980     लक्ष्मण अहिरवार   कांग्रेस
1985  बाबूलाल अहिरवार   कांग्रेस
1990  रामदयाल अहिरवार  भाजपा
1993  रामदयाल अहिरवार  भाजपा
1998  रामदयाल अहिरवार  भाजपा
2003  रामदयाल अहिरवार  भाजपा
2008  मानवेंद्र सिंह  निर्दलीय
2013  मानवेंद्र सिंह  भाजपा
2018  नीरज दीक्षित  कांग्रेस

 

वोटर्स और जातिगत समीकरण
महाराजपुर विधानसभा सीट पर वोटरों की बात करें तो यहां 2018 के आंकड़ों के मुताबिक यहां कुल 212776 वोटर हैं, जिसमें से 99042 महिला  और 113730 पुरुष हैं. जातिगत समीकरण की बात करें तो ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 35 हजार से ज्यादा है. इसके अलावा करीब 25 करीब हजार वोट चौरसिया समाज के हैं. 15 से 20 वोटर राजपूत समाज के भी हैं. इसके अलावा यहां दलित वर्ग भी निर्णायक स्थिति में हैं.

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