Dhar Bhojshala: मंदिर है या मस्जिद? भोजशाला का राज खुलने में होगी देर, सुनवाई से पहले फंस गया पेंच!
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Dhar Bhojshala: मंदिर है या मस्जिद? भोजशाला का राज खुलने में होगी देर, सुनवाई से पहले फंस गया पेंच!

Madhya Pradesh News: वाराणसी में ज्ञानवापी की तर्ज पर चल रहे धार भोजशाला के ASI सर्वे मामले में सुनवाई 4 जुलाई को होगी, लेकिन उससे पहले ASI ने रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट से 4 हफ्तों का समय मांगा है. 

 Dhar Bhojshala: मंदिर है या मस्जिद? भोजशाला का राज खुलने में होगी देर, सुनवाई से पहले फंस गया पेंच!

MP News: 22 मार्च से धार भोजशाला का सर्वे कर रही आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम ने इंदौर हाईकोर्ट में रिपोर्ट सब्मिट करने के लिए 4 हफ्तों का समय मांगा है. इस मामले में 4 जुलाई को सुनवाई होनी है. जैन समाज की ओर से लगाई गई याचिका को स्वीकार या अस्वीकार करने का फैसला भी 4 जुलाई को होगा. इसी बीच जानकारी मिली कि मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की अर्जी भी दाखिल की है. अर्जी में धार शहर काजी वकार सादिक का दावा है कि सर्वे लीगल तरीके से नहीं हुआ. 

धार भोजशाला मामले में एएसआई का सर्वे पूरा हो गया है. 4 जुलाई को मामले में सुनवाई होगी. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि भोजशाला प्रवेश द्वार के दोनों तरफ के ओटले हटा दिए हैं. ये हाईकोर्ट की भी अवमानना है. कोर्ट ने वैज्ञानिक सर्वे के लिए कहा था. फिजिकल एग्जीबिशन के लिए मना किया था, जिससे धार्मिक इमारत का स्वरुप बदले, लेकिन ASI के द्वारा आदेश का उल्लंघन किया गया. इसे लेकर कोर्ट की अवमानना की अर्जी दाखिल की गई, जिसके एडवांस नोटिस भी 20 दिन पहले जारी हुए अब जानकारी मिली की ASI को नोटिस मिल चुके हैं.

कोर्ट ने दिए थे सर्वे के आदेश
11 मार्च को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने ज्ञानवापी की तर्ज पर धार की भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को 5 एक्सपर्ट की टीम बनाने के लिए कहा था. इस टीम को 6 सप्ताह में रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी थी. कोर्ट ने 29 अप्रैल तक सर्वे पूरा करने के लिए कहा था. सर्वे पूरा नहीं होने पर बाद में टाईम को बढ़ाया गया. अब 2 जुलाई को एएसआई सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करना थी, लेकिन फिर अब 4 हफ्ते का समय मांगा गया है. इससे भोजशाला के मूल स्वरूप की सच्चाई सामने आ सकेगी. 4 जुलाई को मामले में सुनवाई होगी.

इस तरह होना था सर्वे
हाईकोर्ट ने इस वैज्ञानिक सर्वे को GPR-GPS तरीके से करने के लिए कहा है. GPR यानी ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार जमीन के अंदर विभिन्न स्तरों की हकीकत जांचने की तकनीक है. इसमें रडार का उपयोग होता है. यह अदृश्य यानी छुपी वस्तुओं के विभिन्न स्तर, रेखाओं और संरचनाओं का माप लेता है. GPS सर्वे यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के तहत भी सर्वे किया जाएगा. बिल्डिंग की उम्र पता करने के लिए कार्बन डेटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल भी किया जाएगा. पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाएगी.

क्या है विवाद?
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने 1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं. इसे रोका जाए. भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए. इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई करवाई जाए. हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर सर्वे की मांग को स्वीकार किया था.

अभी क्या है व्यवस्था
भोजशाला में मंगलवार को हिंदू पक्ष को पूजा-अर्चना करने की अनुमति है. शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने के लिए दोपहर 1 से 3 बजे तक प्रवेश दिया जाता है. इसके लिए दोनों पक्षों को नि:शुल्क प्रवेश मिलता है. बाकी दिनों में 1 रुपए का टिकट लगता है. इसके अलावा वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा के लिए हिंदू पक्ष को पूरे दिन पूजा और हवन करने की अनुमति है.

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