कूनो नेशनल पार्क के दो गेट घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए खुल गए हैं, लेकिन अभी पर्यटकों को पार्क में चीतो का दीदार नहीं हो सकेगा. एसे में चीतों का नजारा करने के लिए पर्यटकों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा.
एक साल पहले कुनो नेशनल पार्क में नामिबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए चीतों को देखने के लिए पर्यटक का इंतजार थोड़ा और बढ़ेगा. अक्टूबर में आने वाले पर्यटक कूनो में भालू, तेंदुआ, हिरण, बारहसिंगा सहित अन्य जानवरों का दीदार कर सकेंगे.
मध्य प्रदेश में देश की पहली चीता सेंचुरी के तौर पर श्योपुर का कुनो नेशनल पार्क चीतो के लिए पूरे देश में पहचान बन गया है. बारिश के मौसम में तीन महीने बंद रहने के बाद एक अक्टूबर रविवार से कूनो नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए एक बार फिर से खोल दिया गया है.
टिकटोली गेट को चीतो के बाड़े में होने की वजह से अभी पर्यटकों के लिए नहीं खोला जा सका है. बड़े बाड़े में सभी चीते होने की वजह से कूनो में घूमने आने वाले पर्यटकों को अभी चीतों का नजारा करने के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा.
तीन महीने पहले ही चीतो के गले में कॉलर आई डी से संक्रमण फैलने की आशंका के चलते खुले जंगल में छोड़े गए सभी चीतों को हेल्थ चेकअप के लिए छोटे बाड़े में वापस लाया गया था और तीन महीनों तक चीतों को एक बार फिर से क्वारंटीन रखा गया है.
बाड़े में रखने के दौरान की गई विशेष मोनिटिंग के बाद हुए मेडिकल में सभी चीते स्वास्थ्य और फिट पाए गए थे और जिन्हें कुछ दिन पहले ही छोटे बाड़े से बड़े बाड़े में शिफ्ट किया गया है.
फिलहाल कूनो नेशनल पार्क में एक नन्हे शावक सहित 15 चीते बड़े बाड़े में शिफ्ट हैं और उम्मीद जताई जा रही है की चीता स्टेयरिंग कमेटी की होने वाली बैठक में कुछ चीतों को बड़े बाड़े से खुले जंगल में छोड़े जाने का निर्णय हो सकता है.
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