BJP किसान मोर्चा मंडल के उपाध्यक्ष ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा पटवारी का नाम
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BJP किसान मोर्चा मंडल के उपाध्यक्ष ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा पटवारी का नाम

मध्यप्रदेश के नीमच में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहां पर एक किसान ने सरकारी तंत्र से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया. आत्महत्या करने से पहले किसान ने कुछ वीडियो भी अपने मोबाइल में बनाए हैं. जिसमें किसान ने बताया कि ''वह मरना नहीं चाहता'' ''जीना चाहता है.

BJP किसान मोर्चा मंडल के उपाध्यक्ष ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा पटवारी का नाम

प्रीतेश शारदा/नीमच: मध्यप्रदेश के नीमच में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहां पर एक किसान ने सरकारी तंत्र से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया. आत्महत्या करने से पहले किसान ने कुछ वीडियो भी अपने मोबाइल में बनाए हैं. जिसमें किसान ने बताया कि ''वह मरना नहीं चाहता'' ''जीना चाहता है. लेकिन पटवारी और गिरदावर से परेशान होकर मौत को गले लगा रहा हूं.

दरअसल जीरन थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम कुछड़ोद के निवासी किसान बलवंत दास बैरागी जो भाजपा के दक्षिण किसान मोर्चा मंडल के उपाध्यक्ष भी है. जिन्होंने सरकारी तंत्र से परेशान होकर 10 नवंबर को जहरीला प्रदार्थ का सेवन करके आत्महत्या कर ली. 

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सुसाइड नोट पर भी पटवारी का नाम
पुलिस को मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था. जिसमें जमीन विवाद के मामले में मृतक को पटवारी ओर गिरदावर प्रताड़ित कर रहे थे. ऐसा सुसाइड नोट में लिखा हुआ था. वहीं परिजन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और 50 लाख का मुआवजा राशि मिले इसको लेकर अड़े हुए थे. मौत के 2 दिन बाद अब सोशल मीडिया पर मृतक किसान बलवंत के वीडियो वायरल हो रहे हैं.

सुसाइड नोट में ये लिखा
किसान बलवंत दास ने सुसाइड नोट में लिखा कि मैं होशो हवास में यह कर रहा हूं, कि इसमें मेरे परिवार को परेशान ना किया जाए. इस सबका जवाबदार गिरदावर  जाबिर खान और पटवारी नवीन तिवारी है. इन लोगों ने हमें बहुत परेशान किया है. ट्यूबवेल और रास्ते पर कब्जा कर रखा है. साथ ही मेरे परिवार को एनडीपीएस में फंसाने की धमकी देते हैं.

पूरे मामले में नीमच कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने घटना दिनांक को गिरदावर और पटवारी नवीन तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि जब भाजपा की सरकार में भाजपा नेता और किसान को सरकारी तंत्र से परेशान होकर मजबूरन आत्महत्या करने का कदम उठाना पड़ रहा है. तो आम आदमी की क्या स्थिति बनती होगी. इसे समझा जा सकता.

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