उज्जैन के चिमनगंज थाना क्षेत्र में एक 15 वर्षीय नाबालिक को जब उसकी मां ने ऑनलाइन गेम के लिए डांटा तो वह घर छोड़ इंदौर पहुंच गया. पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.
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राहुल सिंह राठौड़/उज्जैनः आज के इस आधुनिक दौर में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ऑनलाइन गेम की भरमार लगी हुई है. ऑनलाइन मोबाइल गेम की लत बच्चों से लेकर युवाओं तक को अपना शिकार बना रही है. कुछ बच्चे ऑनलाइन गेम के इस कदर दीवाना हो गए हैं कि उन्हें जरा सी फटकार पड़ने पर कुछ भी कर बैठने को तैयार हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ बीती रात मंगलवार को उज्जैन में जहां एक 15 वर्षीय बच्चे को जब उसकी मां ने ऑनलाइन गेम के लिए डांटा तो वो घर छोड़ साइकिल से इंदौर भाग गया. मामले की जानकारी पुलिस को होने पर पुलिस ने बच्चे को मोबाइल के लोकेशन के आधार पर ढूंढ निकाला.
मां की डांट पर चला गया इंदौर
दरअसल चिमनगंज थाना क्षेत्र के मक्सी रोड स्थित कैलाश एम्पायर कॉलोनी में रहने वाले एक परिवार का 15 वर्षीय बेटा जो 8वीं कक्षा का छात्र है, उस वक्त घर छोड़ कर चला गया जब उसकी मां ने उसे ऑनलाइन मोबाइल गेम खेलने की बात पर डांट दिया. बच्चे ने मां की डांट को इतना गंभीरता से लिया कि स्कूल जाने के दौरान वो स्कूल की बजाय साइकिल से सीधा इंदौर चला गया. जब बच्चा घर नहीं लौटा तो मां पिता घबराकर पुलिस के पास मदद की गुहार लिए पहुंचे.
पुलिस ने कुछ ही घंटों में साइबर टीम की मदद से बच्चे को सुरक्षित इंदौर के मरीमाता चौराहा पर होना पाया और बच्चे को सुरक्षित मां बाप तक पहुंचाया. सीएसपी विनोद कुमार मीणा ने बताया कि बच्चा मां का मोबाइल साथ ले गया था. जिसे ट्रेस कर हमने बच्चे की लोकेशन पता किया और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बच्चे को ढूंढा. बच्चे ने पूछताछ में उसके चले जाने का कारण बताया कि उसको उसके मां-बाप कहीं घुमाने नहीं ले जाते ना ही उसे गेम खेलने देते हैं और वह मुंबई जाना चाहता था.
स्कूल की जगह पुहंचा इंदौर
पूरे मामले में सीएसपी विनोद कुमार मीणा ने बताया कि बच्चे को ऑनलाइन मोबाइल गेम की लत है. बच्चे की मां ने जब उसे इन सब चीजों से रोकने का प्रयास किया तो उसने घर छोड़ मुंबई जाने का मन बनाया और स्कूल जाने की जगह वो स्कूल बैग टांग कर मां का मोबाइल लिए साइकिल से ही इंदौर निकल गया.
आपको बता दें कि बच्चे को परिजनों से पहले चाइल्ड केयर को सुपुर्द किया गया. जहां उससे अच्छे से पूछताछ हो सके. उसके मन की बात को सब समझ सके जिससे आगे से वो ऐसा कदम न उठाएं.
सीएसपी ने दिया मां बाप को संदेश
सीएसपी मीणा ने कहा बच्चों की जगह मां बाप को ये समझना जरूरी है कि बच्चों को वे समय दे, उनसे उनकी मन की बात को जाने, दोस्तों की तरह उनके साथ व्यवहार करें, जिससे उनका मन मोबाइल व अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट की जगह आपके साथ लगे. जब बच्चों को उनके सवाल के जवाब मां बाप से नहीं मिलते हैं तो वह अपने हिसाब से जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं और इस तरह के कदम अक्सर उठाते हैं.
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