Ujjain Accident: एक साथ उठी 4 मासूमों की अर्थी, बाबा महाकाल की नगरी में आंसुओं का सैलाब
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Ujjain Accident: एक साथ उठी 4 मासूमों की अर्थी, बाबा महाकाल की नगरी में आंसुओं का सैलाब

सोमवार को उज्जैन के उन्हेल में हादसे का शिकार हुए चोरो बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान बाबा महाकाल की नदरी उज्जैन में लोगों की आंखें नम रही. घटना के बाद से जांच में बड़ी लापरवाही भी सामने आई है.

Ujjain Accident: एक साथ उठी 4 मासूमों की अर्थी, बाबा महाकाल की नगरी में आंसुओं का सैलाब

राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: सोमवार को हुए भीषण सड़क हादसे में 4 मासूम बच्चो की मौत से बाबा महाकालेश्वर ( महाकाल )  की नगरी अवन्तिक ( उज्जैन ) में शोक का महौल है. उन्हेंल में में सोमवार शाम को जब एक साथ 4 बच्चों की अर्थी उठी तो सबकी आ आंखे नम हो गईं. कुछ लोगों में लापरवाह सिस्टम के प्रति आक्रोश भी नजर आया. बच्चो की मां बेसुध रट लगाए हुए रही कि हमारे बच्चे लौटा दो.

गांवों आंशुओं का सैलाब
सोमवार शाम जैसे ही बच्चों की डेड बॉडी उन्हेंल में उनके निवास पर पहुंची तो सबकी आंखों में आंसू थे. सबने बच्चों को श्रद्धांजलि दी. बड़ी संख्या में उन्हेंल के लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए. बच्चों का दाह संस्कार एकसाथ व एक ही जगह किया गया.

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मृतकों में ये बच्चे
13 साल का भाव्यांश, जिसका एक माह पहले ही फातिमा स्कूल में घर वालों ने एडमिशन करवाया था. 6 साल की इनाया नंदेदा, 15 साल की उमा जो भाई हरीश के साथ स्कूल जाती थी शामिल हैं.

वाहन में सवार के 16 लोग
वाहन में 15 बच्चे व एक ड्राइवर सहित 16 लोग सवार थे. ड्राइवर की पहचान उन्हेंल तहसील निवासी तैयब के रूप में हुई है. जिसका उपचार अस्पताल में पुलिस कस्टडी में जारी है. 11 बच्चे उज्जैन इंदौर के अस्पताल में भर्ती हैं.

बगैर फिटनेस के दौड़ रहा था वाहन
जब पुलिस व प्रशासन ने वाहन की जानकारी निकाली तो पाया गया कि वाहन बिना फिटनेस के दौड़ रहा था और उन्हेल नागदा रोड के बीच ग्राम हताई पालकी समीप राजस्थान के जोधपुर से आ रहे ट्रक से टकरा गया. घटना के बाद वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. वाहन रतलाम पासिंग था और जिसका परमिट फिटनेस बीमा कुछ भी नहीं पाया गया.

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वाहन रतलाम जिले की जावरा तहसील के ठिकरिया गांव के सोहन पिता मनोहर सिंह के नाम से रजिस्टर्ड है. आरटीओ पर रजिस्टर जानकारी के हिसाब से 2018 के बाद वाहन मालिक ने वाहन का बीमा व अन्य कागज पूरे नहीं करवाए. बीते 4 से 5 सालों से वाहन बच्चों की जान को खतरे में लिए दौड़ रहा था और आरटीओ विभाग व अन्य जिम्मेदारों ने भी उसकी सुध नहीं ली जो एक बड़ी लापरवाही उजागर करता है.

ये कोई पहली घटना नहीं
कम उम्र में मासूमो का एक लापरवाही के कारण चले जाने से सब कोई दुखी है. क्योंकि ये कोई पहला मामला नहीं हैं. इससे पहले भी कई बार स्कूल बसें हादसे का शिकार हो गई हैं. कुछ समय पहले एक मैजिक वाहन तेज गति में होने से पेड़ टकराया था. इसमें 21 बच्चे घायल हुए थे. घटना में ड्राइवर की मौत हुई थी. CCTV भी लाइव सामने आया था. वहीं नागदा क्षेत्र में एक निजी वाहन में 4 स्कूली बच्चों के पीछे लटक कर घर जाने का मामला भी सामने आया था.

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