MP News: रतलाम में हार्ट अटैक से 17 साल के बच्चे की मौत, ऐसे 6 दिन में गई 2 मासूमों की जान
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MP News: रतलाम में हार्ट अटैक से 17 साल के बच्चे की मौत, ऐसे 6 दिन में गई 2 मासूमों की जान

Madhya Pradesh News: रतलाम शहर में 6 दिन के भीतर 2 बच्चों की हार्ट अटैक से मौत हो गई. दोनों ही बच्चों की उम्र 18 साल से कम थी. बच्चों की मौत के बाद घरवालों और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है. 

MP News: रतलाम में हार्ट अटैक से 17 साल के बच्चे की मौत, ऐसे 6 दिन में गई 2 मासूमों की जान

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के रतलाम शहर में शनिवार को हार्ट अटैक से 17 साल के बच्चे की मौत हो गई. हैरानी की बात यह है कि अकेले रतलाम में ही 6 दिन में 2 बच्चों ने हार्ट अटैक की वजह से जान गंवाई. दोनों बच्चे पूरी तरह स्वस्थ थे और उनकी उम्र 18 साल से कम थी. दोनों की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई. 

सोमवार सुबह 17 वर्षीय आशुतोष को कुछ साथी ग्राउंड से अचेत अवस्था मे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने बच्चे के दिल की धड़कन शुरू करने के लिए शोक सीपीआर भी दिया, लेकिन काफी कोशिश के बाद भी आशुतोष को नहीं बचाया जा सका. डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर का कहना है कि उसे अटैक आया था, जिसके कारण उसकी मौत हुई थी. 

6 दिन पहले गई 13 साल के बच्चे की जान
बता दें कि आशुतोष रतलाम का रहने वाला है और सुबह ग्राऊंड में दौड़ रहा था. इसी दौरान सीने में दर्द हुआ और अचेत हो गया. हॉस्पिटल लाने पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. बता दें कि 6 दिन में बच्चे की अटैक से मौत का यह दूसरा मामला है. इससे पहले जिले खारवाकला निवासी 13 वर्षीय बच्चे की मौत खेलते-खेलते अटैक से मौत हो गई थी. फिलहाल डॉक्टर का भी इस मामले में कहना है कि ऐसा कोई खास कारण स्पष्ट नहीं हुआ है कि कम उम्र में बच्चों में अटैक क्यों आ रहे हैं.

क्यों आता है हार्ट अटैक?
सर्दियों के मौसम में ना सिर्फ जुकाम, बल्कि हार्ट अटैक के भी मामले सामने आने लगते हैं. एक्सपर्ट्स छोटे बच्चों और बूढ़े लोगों को गर्म कपड़े पहनने और घर में रहने की सलाह देते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सर्दियों में ही इतने हार्ट अटैक के मामले क्यों आते हैं?  र्दियों में कई बार ठंड के अचानक संपर्क में आने से नसें अकड़ जाती हैं. जिसकी वजह से ब्लड फ्लो यानी रक्त का प्रवाह ब्लॉक हो जाता है और ऑक्सीजन के स्तर नीचे गिर जाता है. इस कंडीशन में वैसोस्पैस्टिक अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है.

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