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अजय राठौर/श्योपुर: श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क (Kuno national park) में नर चीता कूनो प्रबंधन को लगातार घुमा रहा है. कुनो में खुले जंगल में रहने वाला नर चीता ओबान (Cheetah Oban) एक बार फिर से कूनो के जंगल की सीमाओं को पार करके रिहायशी इलाके में पहुंच गया है. ओबान नाम का नर चीता 20 घंटे बाद एक बार फिर से कूनो के जंगल से बाहर निकलते हुए जंगल से लगे पार्वती बडौदा गांव के पास बने इलाके में नजर आया है.
बता दें कि नर चीता ओबान पार्वती बडौदा गांव के पास बहने वाली कुंवारी नदी के किनारे गांव वालों को तफरीह करता हुआ नजर आया है. ओबान चीते की मॉनिटरिंग करने वाली कूनो प्रबंधन और वाइल्ड लाइफ के विशेषज्ञों की टीम चीते में लगे कॉलर आईडी की लोकेशन से उस पर नजर रखते हुए है.
नामीबिया से लाए चीते का 8 घंटे में हुआ रेस्क्यू, फिर कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ा
चीते की सुरक्षा के लिए अलर्ट
कूनो के SDO अमित राठौर और कूनो के कर्मचारी चीते की सुरक्षा को लेकर अलर्ट दिखे है. चीते के आस-पास की जगह पर ग्रामीणों के जाने पर रोक लगाई गई है ताकि चीते को किसी प्रकार का कोई नुकसान ना पहुंचे.
रविवार गांव नें पहुंचा था
रविवार की सुबह नर चीता कूनो से 25 किलोमीटर दूर जंगल को पार करके झार बडौदा गांव के खेत में पहुंच था. जिसके बाद कूनो के अमले ने 8 घंटे की मशक्कत के बाद ओबान को वापस कूनो नेशनल पार्क में वापस लौटाया था. लेकिन रात बीतने के बाद नर चीता ओबान सोमवार को फिर ग्रामीण इलाके में जा पहुंचा.
8 चीते नामीबिया से आए
गौरतलब है कि पिछले साल सिंतबर के महीने में नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते बसाए गए है. हाल ही में एक मादा चीता साशा की किडनी संक्रमण से मौत हो चुकी है. जबकि एक मादा सयाया ने बीते दिनों ही 4 नन्हें शावकों को जन्म दिया है. वहीं इस साल 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से 12 नए चीते भी आए है. अब सभी चीतों को नया घर रास तो आ रहा है लेकिन वन विभाग की मुश्किलें भी बढ़ने लगी है.