Shanishchari Amavasya Pitri Dosh Upay: यदि आपके कुंडली में पितृदोष है, जिसके कारण आपके बनते हुए कार्य भी बिगड़ जा रहे हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिसे मौनी अमावस्या के दिन करने से पितृदोष समाप्त हो जाएगा.
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Mauni Amavasya Pitru Dosh Upay in Hindi: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आपके घर में या कुंडली में पितृदोष है तो आपको जबरदस्त परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और आपके कार्यों में बार-बार रुकावट उत्पन्न होगी. इसके चलते कई तरह की मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यदि आपके भी घर या कुंडली में पितृ दोष है, जिसके चलते आपको कार्यं में सफलता नहीं मिल रही है तो आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिसे मौनी अमावस्या के दिन करने से पितृदोष दूर हो जाएगा. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में...
कब है शनिश्चरी अमावस्या 2023
माघ माह की मौनी अमास्या 2 जनवरी शनिवार को पड़ रही है. शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. शनिश्चरी अमावस्या पर स्नान-दान और पूजा पाठ का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 17 मिनट से लेकर पूरे दिन रहेगी. इस दिन आप पितृदोष से मुक्ति के लिए पितरों के नाम पर तर्पण और दान कर सकते हैं.
पितृदोष दूर करने के उपाय
आप शनिश्चरी अमावस्या के दिन घर के दक्षिण दिशा में अपने पूर्वजों की तस्वीर लगाएं और फूल माला चढ़ाकर आशीर्वदा लें. साथ ही नियमित इनके ऊपर सफेद फूल अर्पित करें. ऐसा करने से पितरों की कृपा आप पर आने लगती है और पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है.
पीपल के पेड़ के नीचे करें ये उपाय
माघ माह की मौनी अमावस्या के दिन पीपल स्नान-दान करने के बाद दोपहर के समय में पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं. साथ ही पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल और काले तिल अर्पित करें और पूर्वजों से आशीर्वाद मांगे. इस दिन शाम के वक्त सरसों के तेल में पीपल के पेड़ के नीचे 7 दीपक जलाएं. ऐसा करने से पितृदेव प्रसन्न होते हैं और पितृदोष से मुक्ति मिलती है.
शाम के वक्त करें यह उपाय
माघ माह की अमावस्या के दिन शाम के वक्त गोधूलि बेला में घर पर दीपक जलाकर रचों और नाग स्त्रोतं, महामृत्युंजय मंत्र और रुद्र सूक्त या पितर स्त्रोत और नवग्रह स्त्रोत का पाठ करें. इससे पितृदेव प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद देते हैं और हमे पितृदोष से मुक्ति मिलती है.
गौ दान
यदि आपके कुंडली में या घर में पितृदोष है तो आप मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करके गौ दान करें और ब्राम्हणों को सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा दें. इससे आपको पितृदोष से मुक्ति मिलेगी.
गरीबों को करें दान
आप पितृदोष से मुक्ति लिए गंगा या किसी पवित्र नदी में अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद गरीबों को जरुरत की चीजें दान दें. साथ ही उन्हें इज्जत सत्कार के साथ भोजन कराएं. ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है.
पितृदोष होने की वजह-
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)