Safalta ke Mantra : सीएम शिवराज ने किया UPSC टॉपर्स का सम्मान, जानें अभ्यर्थियों ने क्या कहा
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Safalta ke Mantra : सीएम शिवराज ने किया UPSC टॉपर्स का सम्मान, जानें अभ्यर्थियों ने क्या कहा

भोपाल के रवीन्द्र भवन सभागार में आयोजित 'सफलता के मंत्र' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे और UPSC- 2021 में चयनित मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियों का सम्मान किया.

Safalta ke Mantra : सीएम शिवराज ने किया UPSC टॉपर्स का सम्मान, जानें अभ्यर्थियों ने क्या कहा

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को 'सफलता के मंत्र' कार्यक्रम में पहुंचे. यहां उन्होंने UPSC- 2021 में चयनित मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियों का सम्मान किया. इस कार्यक्रम में कुल 38 चयनित अभ्यर्थियों का सम्मान किया गया. कार्यक्रम भोपाल के रवीन्द्र भवन सभागार में आयोजित होगा किया गया. इस मौके पर सीएम शिवराज ने कहा कि मैं सभी मेरे भांजे भांजियों को शुभकामनाएं देता हूं. अपनी सोच केवल घर तक सीमित नहीं रखना बड़े लक्ष्य के लिए काम करना. बिना अहंकार और धैर्य के साथ काम करना ही सफलता का मंत्र है.

ऐश्वर्य वर्मा- AIR-04
पिता- विवेक वर्मा
माता- विनीता वर्मा
शिक्षा- बी.टेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग)
संपर्क - बी 2/16 महानगर, उज्जैन
अभिरुचियां- शतरंज एवं क्रिकेट खेलना
ऐश्वर्य वर्मा कड़ी मेहनत, रणनीति बनाकर निरंतर अ एवं अध्ययन के समय छोटे-छोटे विराम लेकर सफल हुए हैं. अभ्यर्थियों को दिए गए अपने सन्देश में कहा है कि सदैव अपना आत्मविश्वास और अध्ययन में निरंतरता बनाये रखें. मन में नकारात्मक विचारों से दूर रहें. ऐश्वर्य वर्मा ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था. ऐश्वर्य वर्मा इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

उत्कर्ष द्विवेदी- AIR-05
पिता - जगदीश प्रसाद द्विवेदी
माता - रंजना द्विवेदी
शिक्षा - बी.टेक (यांत्रिकी विभाग)
सम्पर्क - 402, बालसम, शालीमार टाउनशि, AB रोड, इंदौर
अभिरुचि - किताबें पढ़ना
सफलता का मंत्र
उत्कर्ष द्विवेदी की जुबानी- जीवन में कभी हार मत मानो. असफलताएं, सफलता की सीढ़ी होती हैं. मैं आईआईटी प्रवेश में दो बार फेल हो चुका हूँ, कॉलेज में भी दो बैक थे. मैं दो बार यूपीएससी में फेल हो गया लेकिन उम्मीद कभी नहीं खोयी. अपने आप में और भगवान में विश्वास रखें. मेरी सफलता का श्रेय माता-पिता एवं गुरूजन को जाता है. 

कार्तिकेय जायसवाल- AIR-35
पिता- आशीष जायसवाल
माता- मनीषा जायसवाल
शिक्षा- बी.एससी. (गणित)
सम्पर्क - एम.आई.जी. - 49, दीनदयालपुरम, आनंद नगर, खंडवा (म.प्र.)
अभिरुचिया- संगीत सुनना एवं फिल्में देखना
सफलता का मंत्र
भविष्य में होने वाली इस परीक्षा में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के लिए उन्होंने कहा है कि प्रतियोगिता से न डरें, मेहनत करने से परिणाम अवश्य ही आपके पक्ष में आयेगा. परीक्षा की प्रक्रिया आपको बेहतर इंसान बनाती है. सुनियोजित रणनीति से प्रयास करें, इससे आपको सफलता जरूर मिलेगी. जायसवाल इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

विशाल धाकड़- AIR-39
पिता- कमल सिंह धाकड़
माता- अशर्फी धाकड़
शिक्षा- बी.ए. (ऑनर्स) राजनेतिक विज्ञान, एम.ए. राजनेतिक विज्ञान
सम्पर्क- वार्ड नं. 02, शिवाजी नगर, कोलुहपुरा, गुना, मध्यप्रदेश
सफलता का मंत्र
सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए आपको जिम्मेदार और जागरूक नागरिक होना चाहिए। हमारे समाज, अर्थव्यवस्थ और देश में समस्याओं और अवसरों को देखने के लिए आपको एक अच्छा पर्यवेक्षक होना चाहिए।

कुशल जैन- AIR-40
पिता- जय कुमार जैन
माता- रश्मि जैन
शिक्षा- RVCE बेंगलौर से
सम्पर्क - 921 स्नेह नगर कमला, लेबर चौक, जबलपुर
अभिरुचि- क्रिकेट एवं फुटबॉल
सफलता का मंत्र
जैन ने पूर्व में माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी के साथ कार्य किया, इसके बाद सिविल सेवा की तैयारी की. लगातार कार्यरत रहते हुए परिश्रम करने के साथ आशावादी दृष्टिकोण से आगे बढ़ना सफलता सुनिश्चित करता है.

अंजलि श्रोत्रिय- AIR-44
पिता- अनिल श्रोत्रिय
माता- विजया श्रोत्रिय
शिक्षा- इंजीनियरिंग (कम्प्यूटर साइंस)
सम्पर्क- 112 गोपुर कॉलोनी अन्नपूर्णा रोड, इंदौर
अभिरुचिया- संगीत, पेंटिंग एवं टेनिस
सफलता का मंत्र
अंजलि श्रोत्रिय ने परीक्षा में बैठने वाले विद्या यों के लिए बताया कि इस परीक्षा में क्या पढ़ना है, यह जानना बहु आव यक है. विषय की पुस्तकें पढ़े लेकिन पूरी गहनता और सूक्ष्ता से. अंजलि श्रोत्रिय ने इंजीनियरिंग (कम्प्यूटर इंस को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था. यह अपनी बहन वर्णिका श्रोत्रिय को अपनी सफलता श्रेय देती है.

श्रद्धा गोमे- AIR-60
पिता - रमेश कुमार गोमे
माता - वंदना गोमे
शिक्षा - NLSIU बेंगलौर से विधि स्नातक
संपर्क - 35, सेक्टर सी., स्कीम न. 78, विजय नगर, इंदौर
सफलता का मंत्र
"मेरा मानना है कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उतार-चढ़ाव के अपने हिस्से के साथ एक यात्रा है. हमारा ध्यान उन चीजों पर होना चाहिए जो हमारे नियंत्रण में हैं यानी सही रणनीति, कड़ी मेहनत और दृढ़ता. भविष्य के उम्मीदवारों के लिए मेरा संदेश यह होगा कि अपनी ताकत और कमजोरियों के आलोक में अपनी रणनीति खुद खोजें, अपने स्रोतों को कम से कम करें, रिवीजन अधिकतम करें और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खुद पर भरोसा रखें."

श्रेया श्री- AIR-71
पिता- दिनेश चौधरी
माता- संगीता चौधरी
शिक्षा- बी.एस-एमएस इकोनॉमिक्स
सम्पर्क - राम अवतार तिवारी विहारी, कॉलोनी, वार्ड नं. १, अनूपपुर
सफलता का मंत्र
घर में रहकर 8 - 10 घंटे पढ़ाई की, साथ में फिनेस के लिए व्यायाम तथा पीयर ग्रुप के साथ लैपटॉप पर पढ़ाई की. लगातार प्रयत्नशील रहें, हार नहीं मानें, अपना गोल जल्दी निर्धारित करके तैयारी में लगें.

अंकित कुमार चौकसे- AIR-89
पिता- कृष्ण कुमार चौकसे
माता- पूनम चौकसे
शिक्षा - मेकेनिकल इंजीनियरिंग
सम्पर्क - पोस्ट करकबेल, जिला नरसिंहपुर
अभिरुचि-संगीत
सफलता का मंत्र
नियमित पढ़ाई, धैर्य, कड़ी मेहनत, आगे बढ़ने का संकल्प और पढ़ाई को आनंद का कारण बना लेना उनकी सफलता का मूल मंत्र रहा है. अंकित कुमार चौकसे ने एमए इकोनॉमिक्स को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था. अंकित कुमार चौकसे इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

मिनी शुक्ला- AIR-96
पिता - कृष्णकांत शुक्ला
माता - सीमा शुक्ला
शिक्षा - अर्थशास्त्र में स्नातक
संपर्क - C-44, डुप्लेक्स डीबी सिटी, सचिन तेंदुलकर मार्ग, ग्वालियर
अभिरुचि- पाठन
सफलता का मंत्र
मिनी शुक्ला दो वर्ष से The Times of India में कार्यरत थीं. उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा-2021 में दूसरी बार शामिल होकर 96वीं रैंक प्राप्त की है. उन्होंने राजनीति विज्ञान को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था तथा कड़ी मेहनत, रणनीति बनाकर निरंतर अध्ययन कर इस परीक्षा में सफल हुए हैं. मिनी शुक्ला इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देती हैं. 

ऋजु श्रीवास्तव- AIR 124
पिता- युगेन्द्र आर्य
माता- शोभा श्रीवास्तव
शिक्षा- BA(Hons) Economics
संपर्क- राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली
सफलता का मंत्र
सिविल सेवा की आगामी परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों के लिए उनका कहना है कि कोशिशें कभी खत्म न हों, असफलता से निराश न हों, नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ें और धैर्य बनाये रखते हुए नियमित अध्ययन का क्रम जारी रखें. उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा-2021 में दूसरी बार शामिल होकर 124वीं रैंक प्राप्त की है. ऋजु श्रीवास्तव ने सोशियोलॉजी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था. वह कड़ी मेहनत, रणनीति बनाकर निरंतर अध्ययन कर इस परीक्षा में सफल हुई हैं. वे इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देती हैं। उनकी अभिरुचि काव्य एवं रचनात्मक कला है.

आदित्य काकड़े- AIR-129
पिता -सुभाष काकड़े
माता - भारती काकड़े
शिक्षा- बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान एवं एम.ए. (राजनीति विज्ञान)
संपर्क - FH 101, 54 विजयनगर, इंदौर
अभिरुचियां- संगीत एवं खेल
सफलता का मंत्र
काकड़े के अनुसार उन्हें यह सफलता लगातार की गई कड़ी मेहनत से मिली है, सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए संदेश में कहा है कि- परीक्षा की मांग और स्तर को समझते हुए अध्ययन के लिए रणनीति बनायें. टेक्सटाइल इंजीनियरिंग को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था. आदित्य काकड़े इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

अंतरिक्ष जैन- AIR-130
पिता - शांत जैन
माता - कामिनी जैन
शिक्षा - बी.टेक. मैकेनिकल
अभिरुचि- बैडमिंटन
सफलता का मंत्र
जैन ने परिणाम की जगह परीक्षा पर पूरी तरह से फोकस किया. उनकी सफलता का मूल मंत्र था कि उन्होंने बहुत सारी रणनीतियां न बनाकर अध्ययन का सीधा और सरल मार्ग चुना. अंतरिक्ष जैन ने सिविल सेवा परीक्षा-2021 में शामिल होकर 130वीं रैंक प्राप्त की है. जैन कड़ी मेहनत, रणनीति निरंतर अध्ययन कर इस परीक्षा में सफल हुए हैं. वो सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

अनन्या अवस्थी- AIR-135
पिता - आशुतोष अवस्थी
माता - किरण अवस्थी
शिक्षा - NLIU से विधि में स्नातक
संपर्क - 20 अक्ष्यदीप कॉलोनी ए बी रोड, इंदौर
अभिरुचियां- संगीत एवं पाक कला
सफलता का मंत्र
अनन्या अवस्थी का सफलता का मंत्र है कि कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य और संयम के साथ अध्ययन करना. अनन्या अवस्थी ने विधि को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था. उन्होंने सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है.

द्विंकल जैन- AIR-138
पिता - दीपक जैन
माता - सीमा जैन
शिक्षा - बीकॉम ऑनर्स
सफलता का मंत्र
द्विंकल का परीक्षा में सफलता हासिल करने का मूल मंत्र आत्मविश्वास, लक्ष्य के प्रति एकाग्रता और निरंतर अध्ययन है. उन्होंने खुद पर विश्वास करने को सफलता की कुंजी बताया है.

लिपि नगायच- AIR-140
पिता- डॉ. उमाशंकर नगायच
माता- नीलिमा नगायच
शिक्षा - बी.ए. स्नातक एवं एम.ए. (राजनीति विज्ञान)
संपर्क - E117/5, शिवाजी नगर हुज़ूर
अभिरुचियां - संगीत एवं खेल
सफलता का मंत्र
लिपि नगायच द्वारा बताया गया कि परीक्षा में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को परिश्रम के साथ-साथ बुद्धिमत्ता से पढ़ाई करनी चाहिए. अपनी गलतियों का स्वयं निरीक्षण करें, उन्हें सुधारें और सीखें, यही सफलता की कुंजी है. लिपि नगायच इस सफलता का श्रेय उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान के शिक्षकों एवं माता-पिता को देती हैं.

नेहा जैन- AIR-152
पिता- प्रेमचंद जैन
माता- राजबाला जैन
शिक्षा - बी कॉम
सफलता का मंत्र
समर्पण और खुद पर विश्वास ही सफलता की कुंजी है. उन्होंने बताया कि हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति सकारात्मकता, उद्देश्य की महानता में विश्वास और धैर्य के साथ अध्ययन, परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए आवश्यक है.

सिमरन भारद्वाज- AIR-172
पिता - कर्नल मनोज भारद्वाज
माता - विजयलक्ष्मी भारद्वाज
शिक्षा - जर्नलिज्म कमला नेहरू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय
संपर्क - सरना एन्क्लेव, महू, इंदौर
अभिरुचि - प्रश्नोत्तरी एवं तैराकी
सफलता का मंत्र
मात्र 22 वर्ष की उम्र में UPSC की परीक्षा उत्तीर्ण कर IPS अधिकारी के रूप में चयनित हुई हैं. इससे पूर्व UPSC द्वारा आयोजित CDS परीक्षा द्वारा इनका चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में हुआ था परन्तु इनका सपना सिविल सेवा में जाने का था. स्कूली शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल से प्राप्त की। इनके पिताजी भारतीय सेना में कर्नल के पद पर महू में कार्यरत हैं. कठिन परिश्रम एवं निरंतर प्रयास इस परीक्षा में सफल होने के मूल मंत्र है. इनकी माता जी का सपना एवं विशेष सहयोग तैयारी के दौरान प्राप्त होता रहा. आर्मी परिवार से होने से अनुशासन एवं कड़ी मेहनत इनके व्यक्तित्व का हिस्सा है. इनके अनुसार सभी अभ्यर्थियों को कठिन परिश्रम करना चाहिए एवं परिणाम की चिंता नहीं करना चाहिए.

सोनाली सिंह परमार- AIR-187
पिता - राजेंद्र परमार
माता - अर्चना परमार
शिक्षा - बी.एससी. (ऑनर्स) कृषि विज्ञान
अभिरुचियां - पाठन, संगीत एवं यात्रा करना
सफलता का मंत्र
सोनाली सिंह परमार ने सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने वाले परीक्षार्थियों के लिए सन्देश है कि शिक्षकों से परामर्श लेकर अध्ययन की अपनी योजना स्वयं बनायें और उस पर नियमित अमल करें. सोनाली परमार ने सिविल सेवा परीक्षा-2021 में पहली बार शामिल होकर 187वीं रैंक प्राप्त की है. सोनाली कड़ी मेहनत, रणनीति बनाकर निरंतर अध्ययन कर इस परीक्षा में सफल हुई हैं. वे इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

अर्जित महाजन- AIR-204
पिता - विजय महाजन
माता - उदिता महाजन
शिक्षा - आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री
सम्पर्क - 202 बी बालाजी टावर, 1, सरस्वती नगर, इंदौर
अभिरुचि - चित्रकारी
सफलता का मंत्र
इनका जन्म बुरहानपुर जिले में हुआ इसके पश्चात् स्कूली शिक्षा इन्होंने इंदौर से प्राप्त की तथा आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है. इनके अनुसार छोटे-छोटे कदम लगातार रूप से लेने से प्रगति सुनिश्चित होती है. जीवन में बड़ी सफलताओं के लिए व्यक्ति को कभी भी हौसला नहीं खोना चाहिए.

मयंक मिश्रा- AIR-228
पिता - शरद प्रसाद मिश्रा
माता - उर्मिला मिश्रा
शिक्षा - मैनिट, भोपाल
सम्पर्क - ग्राम कोनिया खुर्द त्योंथर, रीवा
अभिरुचि - हिंदी में कविताएं लिखना
सफलता का मंत्र
मिश्र ने जवाहर नवोदय विद्यालय, रीवा से स्कूली शिक्षा प्राप्त की. इसके पश्चात् मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय संस्थान, भोपाल से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की. मयंक ने सऊदी अरेबिया में प्रोजेक्ट इंजीनियर के तौर पर दो वर्ष तक कार्य किया. इसके बाद इन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की. वर्तमान में यह मुरादाबाद, उत्तरप्रदेश में Dy. S.P. के पद पर कार्यरत हैं. इस परीक्षा में पास होने के लिए ज्यादा से ज्यादा लेखन का अभ्यास छात्रों को करना चाहिए. परीक्षा की तैयारी के लिए योजना स्पष्ट होनी चाहिए. व्यवहारिक रहते हुए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ते रहना चाहिए.

तन्मय काले- AIR-230
पिता - अजय काले
माता - अमीषा काले
शिक्षा - केमिकल इंजीनियरिंग, उज्जैन
सम्पर्क - 185, महेश विहार, उज्जैन
अभिरुचियां- चित्रकला, गायन एवं टेनिस खेलना
सफलता का मंत्र
तन्मय काले ने सिविल सेवा परीक्षा-2021 में तीसरी बार शामिल होकर 230वीं रैंक प्राप्त की है. काले तीसरी से 12वीं तक केन्द्रीय विद्यालय में अध्ययनरत रहे. उन्होंने सोशियोलॉजी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था और कड़ी मेहनत, रणनीति बनाकर निरंतर अध्ययन कर इस परीक्षा में सफल हुए हैं. वह इस सफलता का श्रेय माता-पिता एवं बहन को देते हैं. उनकी काले NGO रॉबिनहुड आर्मी नामक संस्था से जुड़े रहे.

मृदुल शिवहरे- AIR-247
पिता - प्रेम प्रकाश शिवहरे
माता - ममता शिवहरे
शिक्षा - बीए
सम्पर्क - बुन्देला कॉलोनी, दतिया
अभिरुचियां- क्रिकेट खेलना एवं फिल्में देखना
सफलता का मंत्र
शिवहरे 22 साल की उम्र में पहले प्रयास में आई.ए.एस. हेतु चयनित हुए. सिविल सेवाओं में शामिल होने के लिए अपनी प्रेरणा के बारे में उन्होंने बताया कि यह नौकरी नहीं बल्कि राष्ट्र की सेवा है। बस UPSC CSE पाठ्यक्रम और पिछले वर्ष के प्रश्नों पर ध्यान दें. कड़ी मेहनत करें, धैर्य रखें और परीक्षा में आप निश्चित रूप से सफल होंगे. यह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता एवं गुरुजन को देते हैं.

आयुष भदौरिया- AIR-253
पिता - ब्रजेन्द्र सिंह भदौरिया
माता - निशा भदौरिया
शिक्षा - मैकेनिकल इंजीनियर
सम्पर्क - 16 पंचशील सोसाइटी, अनुपम नगरएक्सटेंशन, सिटी ग्वालियर
अभिरुचियां - संगीत एवं बेडमिन्टन खेलना
सफलता का मंत्र
आयुष भदौरिया ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था. आयुष भदौरिया कड़ी मेहनत, रणनीति बनाकर निरंतर अध्ययन कर इस परीक्षा में सफल हुए हैं. आयुष भदौरिया इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

छाया सिंह- AIR-288
पिता - छोटे सिंह
माता - अंजू सिंह
शिक्षा - राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी, ऑफ लॉ पटियाला
सम्पर्क - 21 लक्ष्मी परिसर, फैज़ 1, ई-8 एक्सटेंशन, भोपाल
अभिरुचि - चित्रकारी एवं तैराकी
सफलता का मंत्र
छाया सिंह के अनुसार मनके हारे हार है, मन की जीत ही जीत है। इसलिए अभ्यर्थी को खुद पर पूर्ण विश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए। इनके पिता भी प्रशासनिक सेवा में अधिकारी हैं। यह अपनी सफलता श्रेय अपने माता-पिता एवं मित्रों को देती हैं.

पीयूष दुबे- AIR-289
पिता - माताप्रसाद दुबे
माता - निर्मला दुबे
शिक्षा - बी.टेक. (सिविल), मेनिट, भोपाल
सम्पर्क - भांडेर, जिला दतिया
अभिरुचि - लेखन एवं क्रिकेट खेलना
सफलता का मंत्र
पीयूष दुबे ने लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति संकल्प शक्ति, सकारात्मक व्यवहार, प्राथमिकता से अध्ययन को सफलता की कुंजी बताया है. प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर दुबे राष्ट्रीय सुरक्षा और समाज का विकास करना चाहते हैं. दुबे ने भगवान और अपने परिवार को अपनी सफलता का श्रेय दिया है. परीक्षा में भाग लेने वाले भविष्य के अभ्यर्थियों के लिए उनका सन्देश है कि यह परीक्षा आपकी मानसिक क्षमताओं की परीक्षा लेती है. आत्म-विश्वास रखें, अपना सौ प्रतिशत दें और अच्छा इंसान बनें, आपको सफलता जरूर मिलेगी.

कृष्ण पाल राजपूत- AIR-329
पिता - रामकुमार राजपूत
माता - ममता राजपूत
शिक्षा - बी.ए.
सम्पर्क - ग्राम पापवानी खास, जिला निवाड़ी - 472337
अभिरुचि - क्रिकेट खेलना एवं फिल्में देखना
सफलता का मंत्र
कृष्ण पाल राजपूत ने सिविल सेवा परीक्षा -2021 में शामिल होकर 329वीं रैंक प्राप्त की है. राजपूत कड़ी मेहनत, रणनीति बनाकर निरंतर अध्ययन कर इस परीक्षा में सफल हुए हैं. वे इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

आकर्ष सोनी- AIR-342
शिक्षा - इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग, आईआईटी, दिल्ली
अभिरुचि - राइटिंग एवं हेप्पीनेस रिसर्च पेपर
सफलता का मंत्र
आकर्ष सोनी के अनुसार उन्हें यह सफलता लगातार की गई कड़ी मेहनत एवं लक्ष्य निर्धारित करने से प्राप्त हुई. उनका कहना है कि तैयारी करते समय खुद को खुश रखना एवं परीक्षा की मांग और स्तर को समझते हुए अध्ययन की रणनीति बनाना आवश्यक है. तैयारी करते समय वह उत्तरप्रदेश डिस्कोम में इलेक्ट्रीकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत रहे हैं. सोनी अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

राहुल देशमुख- AIR-349
पिता - चंद्रभूषण देशमुख
माता - विभा देशमुख
शिक्षा - बी.टेक. माइनिंग आईआईटी, धनबाद
सम्पर्क - गायखुरी, बालाघाट
अभिरुचि - गायन
सफलता का मंत्र
बात छोटी सही पर सीख बड़ी है, जो सोचोगे वही पाओगे. ये लाइनें राहुल के जीवन की सफलता का सूत्र बन गईं. एक छोटी सी बात ने श्री राहुल देशमुख के जीवन को सफल मुकाम पर पहुंचा दिया है. राहुल ने यूपीएससी की परीक्षा में मनचाही सफलता पाई है. रोजाना दस घंटे की पढ़ाई से सफलता पाकर युवक ने स्वजन को ही नहीं पूरे जिले को भी गौरवांवित किया है. राहुल देशमुख ने स्कूल शिक्षा टैगोर मोंटेशनरी स्कूल, बालाघाट में ही पूरी की है, जबकि मिडिल से हायर सेकेंडरी तक उन्होंने अपनी पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से पूरी की है. कक्षा 12वीं में उन्होंने जिले में अव्वल आकर बड़ी सफलता पाई थी. माइनिंग से बी.टेक. की पढ़ाई उन्होंने आईआईटी, धनबाद से की. यह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता एवं छोटे भाई को देते हैं.

आदित्य पटले- AIR-375
पिता - जीआर पटले
माता - अरुणा पटले
शिक्षा - मैकेनिकल इंजीनियरिंग
अभिरुचि - संगीत एवं पाक कला
सफलता का मंत्र
आदित्य पटले द्वारा अनुशासित जीवन, नियमित अध्ययन के समयबद्ध कार्यक्रम का पालन एवं लक्ष्य का निर्धारण कर उसकी पूर्ति के लिए एकाग्र प्रयास उनकी सफलता का मूल मंत्र है. कहा कि सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता, पाठ्यक्रम के अध्ययन की निरंतरता से प्राप्त होता है. पटले ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था. आदित्य पटले इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

मयंक सिंह- AIR-380
पिता - एम.एल. अहिरवार
माता - कमला अहिरवार
शिक्षा -इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
संपर्क - 40, गणेश नगर, नारियल खेड़ा, भोपाल
अभिरुचि - क्रिकेट एवं फुटबॉल
सफलता का मंत्र
सिंह ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था. सिंह कड़ी मेहनत, रणनीति बनाकर निरंतर अध्ययन कर इस परीक्षा में सफल हुए हैं तथा इस सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

पूजा सोनी- AIR-401
पिता - महेश प्रसाद सोनी
माता - जानकी सोनी
शिक्षा - कम्पूटर साईन्स इंजीनियरिंग देवेन्द्रनगर, पन्ना
अभिरुचि - क्रिकेट एवं फुटबॉल
सफलता का मंत्र
अंडर ट्रेनी के पद पर तैनात पूजा सोनी ने यूपीएससी की मेरिट में 401वां स्थान पाकर जनपद का मान बढ़ाया है. पहली बार के प्रयास में उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की है. हमीरपुर में 3 माह पहले ही उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई है. मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की रहने वाली पूजा ने बताया कि सिविल सेवा की. मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार को लेकर बहुत ही बैचेन थीं कि आखिर क्या परिणाम आयेगा. मेरी पढ़ाई में मेरे माता-पिता और भाई का योगदान है. मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली पूजा ने बताया कि उनकी मां घर के कामकाज व पिता कृषि का काम करते हैं. परिवार में अभी तक कोई बड़े पद पर नहीं है. उनके परिणाम आने की सूचना, घर वालों को मिलते ही खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. कामयाब होने के लिये एकाग्रता के साथ पढ़ाई करना बहुत जरूरी है. पढ़ाई के लिये कोई समय का निर्धारण नहीं होता है. बस आप में कामयाबी की आग जलनी चाहिये. मेरा भी यही प्रयास रहा है.

शिवम् धाकड़- AIR-402
पिता - सोनेराम धाकड़
माता - प्रेम धाकड़
शिक्षा - इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग
सफलता का मंत्र
सफलता के लिए कड़ी मेहनत और लगन जरूरी है. धाकड़ ने बताया कि निरंतरता और आत्मविश्वास से अभ्यास, इस परीक्षा में सफलता हासिल करने का मूल मंत्र है.

एकांत जैन- AIR-443
माता - सीमा जैन
पिता - अजित जैन
शिक्षा - इंजीनियरिंग
अभिरुचि - फिल्में देखना एवं बेडमिन्टन खेलना
सफलता का मंत्र
एकांत जैन के अनुसार कभी भी प्रतिकूल परिस्थितियों और दबाव के आगे हार नहीं मानना चाहिए. कड़ी मेहनत और लगन उनकी सफलता का मूल मंत्र रहा है. जैन के अनुसार बतौर प्रशासनिक अधिकारी के रूप में बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं गरीबों की सहायता करना उनकी प्राथमिकता है. जैन ने मनोविज्ञान को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था. वे अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं.

सौरव बेलानी- AIR-471
पिता -हीरा लाल बेलानी
माता - पूजा बेलानी
संपर्क - मंदसौर, मध्यप्रदेश
अभिरुचि - हॉकी एवं टेबल टेनिस खेलना
सफलता का मंत्र
हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहें. परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए उनका संदेश है कि असफलता अस्थाई है, जबकि सफलता स्थाई है. आप स्थाई सफलता के लिए कठोर प्रयास करें, आपको सफलता जरूर मिलेगी. 

दीपक दांगी- AIR-493
पिता भगवत सिंह दांगी
माता- श्री बाई
शिक्षा - MA (Geography)
संपर्क - ग्राम कुंदौली, तहसील आरोन, जिला गुना (मध्यप्रदेश)
अभिरुचि - फिल्में देखना एवं क्रिकेट खेलना
सफलता का मंत्र
दांगी ने बताया कि खुद पर विश्वास, उचित लोगों का मार्गदर्शन, सतत प्रयास, सुनियोजित रणनीति और सकारात्मक दृष्टिकोण उनके लिए इस परीक्षा में सफलता का मूल मंत्र बना. दांगी इस सफलता का श्रेय दादाजी एवं माता-पिता को देते हैं.

सोनू परमार- AIR-501
पिता - रमेश चन्द्र परमार
पति का नाम धर्मेन्द्र परमार
माता - कला परमार
शिक्षा - B.Sc., शाजापुर
सम्पर्क - 115, कमलिया ग्राम, तहसील शुजालपुर
अभिरुचि - चित्रकारी, कुकिंग
सफलता का मंत्र
शाजापुर की रहने वाली सोनू परमार ने वन विभाग के अधिकारी के पद पर शासकीय सेवा में पहला कदम रखा था. इसके बावजूद भी वह लगातार तैयारी करती रहीं. वर्तमान में श्रीमती परमार मध्यप्रदेश पुलिस में Dy. S.P. के पद पर कार्यरत हैं. परमार के अनुसार इनकी सफलता का श्रेय परिवार एवं अधिकारियों को जाता है. उनके अनुसार परिस्थितियां कैसी भी हों, अगर आपका लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता है और आप कठिन परिश्रम के लिए तैयार हैं, तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी.

शुभम कुमार शर्मा- AIR-556
पिता- जयप्रकाश शर्मा
माता - सविता शर्मा
शिक्षा - बी.टेक. (डेयरी एवं फूड टेक्नोलॉजी)
सम्पर्क - जबेरा, दमोह
अभिरूचि - टेबल टेनिस एवं फिल्में देखना
सफलता का मंत्र
जबेरा में जन्मे शुभम शर्मा ने दूसरे प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है. 556वीं रैंक के साथ उन्होंने अपना मुकाम तय कर लिया. शुभम शर्मा के पिताजी जबेरा में एक गारमेंट्स की दुकान चलाते हैं और माँ ग्रहिणी हैं. सामान्य परिवार में जन्मे शुभम बचपन से ही अपनी पढ़ाई में काफी होशियार थे. प्राथमिक शिक्षा उन्होंने जबेरा में प्राप्त की और उसके बाद हटा नवोदय स्कूल में उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद शुभम बी.टेक. करने के लिए गुजरात गए और वहीं पर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की. दूसरे प्रयास में ही उन्होंने अपना मुकाम हासिल कर लिया.

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