Kalki Avatar: भगवान विष्णु कल्कि अवतार' होना बाकी है. मान्यता है भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के बाद कलियुग खत्म हो जाएगा. कब लेंगे श्री हरी कल्कि का अवतार ? कैसा होगा उनका स्वरूप ? आइए जानते है यहां.
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Kalki Avatar: धर्म ग्रंथों के अनुसार कलयुग शुरू हो गया है और अधर्म ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है कहा जाता है की तब भगवान विष्णु ने अवतार लेकर पुन: धर्म को स्थापित करेंगे .. धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के 24 अवतार बताये गए है जिसमें से विष्णु जी का 'कल्कि अवतार' होना बाकी है. कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का भविष्य का 10वां अवतार है. कल्कि अवतार के बाद कलियुग समाप्त हो जायेगा यह अवतार कब होगा, कैसा होगा , कहा होगा आइए जानते यहां.
कैसा होगा कल्कि अवतार ?
पुराणों के अनुसार कलियुग के समाप्त होने पर भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे. सनातन धर्म के अनुसार अर्धम को खत्म करने और सतयुग के पुनरुत्थान के लिए ये अवतार होगा. कल्कि अवतार लेकर भगवान धरती से पापियों का नाश करेंगे और फिर धर्म का राज होगा
कब होगा कल्कि अवतार
पुराणों के अनुसार कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व में हुआ था.कहा है की . श्रीकृष्ण के पृथ्वी लोक से विदा लेते ही कलयुग का प्रथम चरण की शुरुआत हो है थी. पृथ्वी पर कलयुग का इतिहास 4 लाख 32 हजार वर्षों का है. अभी कलियुग का प्रथम चरण ही प्रारंभ हुआ है. इसका मतलब 3102+2023= 5125 साल का कलयुग जा चूका है और 426875 साल अभी बाकि है .भगवान विष्णु कल्कि अवतार की उत्पत्ति कलियुग के अंत से हो जाएगी .श्रीमद्भागवत पुराण के 12वें स्कंद के 24वें श्लोक में कहा गया है कि जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तब भगवान कल्कि का अवतार हो जायेगा .पुराणों में भगवान विष्णु के दसवें अवतार की जो तिथि बताई गई है उसके अनुसार भगवान सावन महीने के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को कल्कि अवतार का जन्म होगा.
किस जगह होगा कल्कि अवतार
पुराण के अनुसार भगवान विष्णु का कल्कि अवतार संभल गांव में होगा जो कि उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद के पास स्थित संभल गांव में है .ये भगवान विष्णु का 10वां कल्कि अवतार जन्म लेगा.
कैसा होगा स्वरूप ?
अग्नि पुराण' में कहा गया है की कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार होगा. भगवान विष्णु अपने कल्कि अवतार इ देवदत्त नाम के एक सफेद घोड़े पर बैठ कर आएंगे और पापियों को ख़तम करेंगे. माना जाता है की इनके गुरु चिरंजीवी भगवान परशुराम जी है जिनके इनके निर्देश पर कल्कि भगवान भोलेनाथ की तपस्या करेंगे और दिव्यशक्तियों को प्राप्त करेंगे.