मध्य प्रदेश में 10वीं के बाद इंजीनियरिंग की राह चुनने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी है. मध्य प्रदेश में पॉलीटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश के लिए नए नियम आ गए हैं. अब प्री पॉलिटेक्निक टेस्ट (PPT) के स्थान पर 10वीं के अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा.
Trending Photos
भोपाल: मध्य प्रदेश के लाखों छात्रों के लिए बड़ी खबर है. प्रदेश में पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में प्रवेश का नियम बदल गया है. नए सत्र यानि कि 2022-23 से छात्रों को पॉलिटेक्निक कॉलेजों में संचालित डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में 10वीं की परीक्षा के अंकों की मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा. इस संबंध में सभी पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों को आदेश भी जारी कर दिया गया है.
क्या आसानी और क्या समस्या?
पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश नियम बदलने से अब अधिक मेरिट वाले छात्रों को आसानी से एडमिशन मिल जाएगा. हालांकि, जिन छात्रों के 10वीं की परीक्षा में कम अंक होंगे उन्हें एडमिशन पाने और पसंद के कॉलेज मिलने में थोड़ी समस्या हो सकती है.
ये भी पढ़ें: बुलडोजर वाली बारात: इंजीनियर दूल्हे को देख दंग रह गए लोग, जमकर थिरके बाराती
पहले क्या था नियम?
मध्य प्रदेश में पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए अभी तक प्री पॉलिटेक्निक टेस्ट (PPT) का आयोजन किया जाता है, लेकिन अब शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए PPT का आयोजन नहीं किया जाएगा. बल्कि बच्चों को 10वीं में मिले नंबरों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा.
बीई-बीटेक से ज्यादा पॉलिटेक्निक क्रेज
पॉलिटेक्निक में है छात्रों की ज्यादा रुची रहती है. कई अन्य राज्यों से भी छात्र टकनीकी शिक्षा के लिए मध्य प्रदेश का रुख करते हैं. इधर प्रदेश के छात्रों में डिप्लोमा का क्रेज ज्यादा है. ऐसा इसलिए भी होता है कि डिप्लोमाधारी प्रोफेशनल्स को बाजार में अच्छी नौकरी आसानी से मिल जाती है. इसके अलावा इस कोर्स को करने में खर्च भी कम आता है. इसके अलावा डिप्लोमा कर लेने के बाद डिग्री में सीधा प्रवेश भी मिल जाता है.
बुलडोजर से लेकर आया दूल्हा, कार में बैठाकर ले गया दुल्हन