MP News: मध्य प्रदेश के खंडवा में प्रस्तावित ओंकारेश्वर अभ्यारण में तेंदुओं को बसाने की कवायद शुरू हो गई है. इसी के तहत दो और तेंदुओं को यहां पर शिफ्ट किया गया है, जानिए किस वजह से ये फैसला लिया गया.
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MP News: मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के नाम से जाना जाता है. यहां पर कई अभ्यारण हैं जहां पर टाइगर रहते हैं. ऐसे में इससे जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है. बता दें कि खंडवा के प्रस्तावित ओंकारेश्वर अभ्यारण में तेंदुओं को शिफ्ट करने का अभियान शुरू हो गया बै. यहां पर मंदसौर के गांधी सागर अभ्यारण से तेदुओं को शिफ्ट किया गया है. इससे पहले भी यहां पर एक तेंदुआ छोड़ा गया था.
खंडवा आए तेंदुए
मध्य प्रदेश के खंडवा के प्रस्तावित ओंकारेश्वर अभ्यारण में चीतों को बसाने का अभियान चलने लगा है. इसके तहत मंदसौर में स्थित गांधी सागर वन अभ्यारण से यहां पर दो तेंदुओं को लाया गया है. बीते दिन भी यहां पर एक तेंदुआ लाया गया था. मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि भविष्य में तीन - चार तेंदुए यहां और शिफ्ट किए जाएंगे.
इसलिए उठाया गया कदम
मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि मंदसौर के गांधी सागर में चीतों को बसाया जा रहा है इसलिए गांधी सागर के तेंदुए को खंडवा के ओंकारेश्वर अभ्यारण में छोड़े जाने का अभियान चलाया गया है. साथ ही साथ बता दें कि मंदसौर के गांधी सागर अभ्यारण में चीतों को तेंदुओं से कोई नुकसान न हो. तेंदुओ और चीतों में टकराव हो जाता है ऐसी स्थिति में पार्क प्रबंधन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसे भी ध्यान में रखते हुए प्रबंधन यहां के तेंदुओ को शिफ्ट करने की कवायद में लगा हुआ है. बता दें कि तेंदुआ चीते से ज्यादा ताकतवर होता है, अभी तक तीन तेंदुओं को यहां छोड़ गया है और भविष्य में भी यहां और तेंदुए को छोड़ा जाएगा.
ये बोले अधिकारी
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर सागर बांध बनने के बाद खंडवा जिले में के घने जंगलों में ओंकारेश्वर अभ्यारण बनाना प्रस्तावित है, यह अभ्यारण खंडवा ,देवास और हरदा जिले के लगभग 600 वर्ग किलोमीटर जंगल क्षेत्र को मिलाकर तैयार किया जा रहा है, यहां घने जंगलों में पर्याप्त मात्रा में वन्य जीव भी है और उनके शिकार की भी पर्याप्त व्यवस्था है, ओंकारेश्वर अभ्यारण टाइगर और तेंदुओं के लिए सुरक्षित और अनुकूल है, इसलिए मंदसौर के गांधी सागर अभ्यारण के तेंदुए को यहां शिफ्ट किया जा रहा है.