Balaghat Lok Sabha Constituency History: बालाघाट लोकसभा सीट महाकौशल क्षेत्र में आती है. 1952 से लेकर 2019 तक इस सीट पर कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले. 1952 से 1996 तक कांग्रेस का दबदबा रहा. 1998 में बीजेपी पहली बार जीती और 2019 तक पार्टी ने सभी चुनाव जीते हैं.
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Balaghat Lok Sabha Seat History: बालाघाट लोकसभा सीट की बात करें तो महाकौशल अंचल में आती है. इस लोकसभा सीट में बालाघाट और सिवनी जिले की विधानसभा सीटें शामिल हैं. कई सालों से मिल रही जीत के चलते यह सीट भाजपा का गढ़ बन गई है. भाजपा ने 1996 से इस सीट पर लगातार जीत हासिल की है. 2019 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा के ढाल सिंह बिसेन ने कांग्रेस के मधु कुमार भगत को हराया था.
बालाघाट लोकसभा सीट की विधानसभा सीटें
बालाघाट लोकसभा सीट की बात करें तो इसमें दो जिलों यानी सिवनी और बालाघाट की 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं. जिसमें बैहर, लांजी, परसवाड़ा, बालाघाट, वारासिवनी, कटंगी, बरघाट और सिवनी शामिल हैं. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव की बात करें तो 4 पर कांग्रेस और 4 पर बीजेपी की विजय हुई. आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं कि किस पार्टी ने कौन सी सीट जीती.
सीट का नाम | विधायक | पार्टी |
---|---|---|
बैहर (ST) | संजय उइके | कांग्रेस |
लांजी | राजकुमार कर्राहे | BJP |
परसवाड़ा | मधुभाऊ भगत | कांग्रेस |
बालाघाट | अनुभा मुंजारे | कांग्रेस |
वारासिवनी | विवेक विक्की पटेल | कांग्रेस |
कटंगी | गौरव सिंह पारधी | BJP |
बरघाट (ST) | कमल मर्सकोले | BJP |
सिवनी | दिनेश राय मुनमुन | BJP |
आजादी के बाद बालाघाट में पहला लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ था. कांग्रेस के उम्मीदवार, चिंतामण राव गौतम विजयी हुए थे. उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी (एसपी) के श्योराम बिसेन को मात दी थी. 1957 में भी कांग्रेस के जीत हुई. चिंतामण राव गौतम दोबरा जीत हासिल की थी. 1962 के चुनाव में बालाघाट की जनता ने बदलाव किया गया था. पीएसपी के भोलाराम रामजी ने कांग्रेस प्रत्याशी शंकरलाल राजाराम तिवारी को हराकर चुनाव जीता था.
कांग्रेस की हुई वापसी
साल 1967 में कांग्रेस में वापसी हुई. चिंतामन राव गौतम ने पार्टी के लिए सीट फिर से हासिल की. हालांकि, इस सीट पर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के आर भंवरे ने उन्हें चुनौती दी थी. इसके बाद 1971 के चुनाव में भी कांग्रेस के चिंतामन राव गौतम ने शानदार जीत हासिल की थी.
हार के बाद 4 बार के सांसद ने राजनीति से लिया संन्यास
1977 में, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (खोबरागड़े) के कचरू लाल हेमराज जैन ने कांग्रेस उम्मीदवार चिंतामन राव गौतम को हराकर सभी को चौंका दिया. आपको बता दें कि कचरूलाल जैन से हार के बाद चिंतामण गौतम ने राजनीति से संन्यास ले लिया था.
वहीं, 1980 के चुनावों में बालाघाट में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई. चुनाव में नंदकिशोर शर्मा ने शानदार जीत हासिल की थी. उन्होंने जनता पार्टी (जेपी) के हुकमचंद कछवई मुन्नालाल को मात दी थी. 1984 में भी नंदकिशोर शर्मा की जीत हुई थी. यहां पर BJP के उम्मीदवार लोचनलाल नारायण ठाकरे की हार हुई थी.
निर्दलीय प्रत्याशी की हुई थी जीत
जब देश में 1989 के चुनाव हुए थे तो राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता से बाहर हुई. बालाघाट की जनता ने भी कांग्रेस को नाकार दिया. यहां पर एक स्वतंत्र उम्मीदवार कंकर मुंजारे विजयी हुए थे. मुंजारे ने जनता दल (जेडी) के KD देशमुख को मात दी थी.
कांग्रेस की आख़िरी जीत
1991 में कांग्रेस की एक बार फिर इस सीट पर वापसी हुई. विश्वेश्वर भगत ने BJP प्रत्याशी को हराकर सांसद का चुनाव जीता. वहीं, 1996 के चुनावों में भी विश्वेश्वर भगत की जीत हुई थी. हालांकि, इस बार विश्वेश्वर भगत और BJP के गौरीशंकर के बीच सख्त मुक़ाबला हुआ था. जिसमें भगत ने मामूली फ़र्क से कामयाबी हासिल की थी. आप को बताते चलें कि यह जीत इस सीट पर कांग्रेस की आख़िरी जीत थी. इसके बाद से कांग्रेस इस सीट से कभी चुनाव नहीं जीत सकी.
बीजेपी की लगातार हो रही है जीत
बालाघाट लोकसभा सीट पर बीजेपी को पहली जीत 1998 के चुनाव में मिली थी. उसके बाद से हुए सभी चुनावों में बीजेपी लगातार विजयी रही है. 1998 में गौरीशंकर बिसेन ने बीजेपी के लिए यह सीट जीती थी. 1999 में प्रह्लाद पटेल ने यह सिलसिला जारी रखा. उसके बाद 2004 में गौरीशंकर बिसेन ने इस सीट से दूसरी जीत हासिल की. 2009 के चुनाव में के.डी. देशमुख ने यहां बीजेपी को जीत दिलाई. 2014 में बोध सिंह भगत ने बीजेपी के लिए चुनाव जीता और पार्टी का गढ़ बरकरार रखा. 2019 में भी बीजेपी की जीत का सिलसिला जारी रहा और ढाल सिंह बिसेन ने बीजेपी के लिए जीत हासिल की.
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आपको बता दें कि इस सीट को लेकर एक बात गौर करने वाली है. 1998 से बीजेपी के सभी उम्मीदवार चुनाव जीते हैं. अब इसे चुनावी परिस्थितियां कहा जाए या बीजेपी का प्रयोग, क्योंकि भाजपा ने यहां प्रत्याशियों को रिपीट नहीं किया, बल्कि हर बार नया प्रत्याशी उतारा और जीत हासिल की, लेकिन गौर करने वाली बात यह भी है कि बीजेपी ने भले ही प्रत्याशी बदले हो लेकिन सभी प्रत्याशी ओबीसी वर्ग से रहे. पिछले 6 चुनावों में बीजेपी ने इस सीट पर ओबीसी चेहरा मैदान में उतारा, ये दिखाता है कि बीजेपी यहां प्रयोग करने से पीछे नहीं हटी और पार्टी का फॉर्मूला हिट भी रहा क्योंकि 1998 के 2019 तक बीजेपी के सभी उम्मीदवार चुनाव जीते हैं.
पिछले कुछ चुनाव के नतीजे
2019 के लोकसभा चुनाव में, इस सीट पर भाजपा के ढाल सिंह बिसेन ने 2,42,066 वोटों के साथ जीत हासिल की थी. वहीं, दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के मधु भगत रहे थे. 2014 के चुनावों में, भाजपा के बोध सिंह भगत, 96,041 वोटों के साथ विजयी हुए थे. उन्होंने कांग्रेस की हिना लिखीराम कावरे को मात दी थी. इसके पहले 2009 के चुनाव के दौरान बीजेपी के के.डी. देशमुख ने कांग्रेस के विश्वेश्वर भगत को मात दी थी.
2019 बालाघाट लोकसभा सीट परिणाम
पार्टी | उम्मीदवार | वोट | वोट% |
---|---|---|---|
BJP | ढाल सिंह बिसेन | 696,102 | 50.74 |
कांग्रेस | मधु भगत | 4,54,036 | 33.09 |
बसपा | कंकर मुंजारे | 85,177 | 6.21 |
2014 बालाघाट लोकसभा सीट परिणाम
पार्टी | उम्मीदवार | वोट | वोट% |
---|---|---|---|
BJP | बोध सिंह भगत | 4,80,594 | 43.17 |
कांग्रेस | हिना लिखीराम कावरे | 3,84,553 | 34.54 |
एसपी | अनुभा मुंजारे | 99,392 | 8.93 |
2009 बालाघाट लोकसभा सीट परिणाम
पार्टी | उम्मीदवार | वोट | वोट% |
---|---|---|---|
बीजेपी | के. डी. देशमुख | 2,99,959 | 39.65 |
कांग्रेस | विश्वेश्वर भगत | 2,59,140 | 34.25 |
राजद | कंकर मुंजारे | 48,800 | 6.45 |