भोपाल की इस सीट पर 1998 से जमे एक ही नेता, 3 दशक से BJP को जीत का इंतजार, जानिए सियासी ताना-बाना
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भोपाल की इस सीट पर 1998 से जमे एक ही नेता, 3 दशक से BJP को जीत का इंतजार, जानिए सियासी ताना-बाना

Bhopal North Vidhan Sabha Seat: राजधानी भोपाल की एक सीट कांग्रेस का गढ़ बन चुकी है. 1998 से इस सीट पर लगातार कांग्रेस के एक नेता को जीत मिल रही है.

भोपाल उत्तर विधानसभा सीट

Bhopal North Vidhan Sabha Seat: राजधानी भोपाल में आने वाली विधानसभा सीटों पर बीजेपी का दबदबा रहता है, लेकिन भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट कांग्रेस के गढ़ में तब्दील हो चुकी है. इस सीट पर कांग्रेस 1998 से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रही है. यही वजह है कि बीजेपी ने भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों की पहली ही सूची में उम्मीदवार का ऐलान कर दिया था. भोपाल उत्तर सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता आरिफ अकील लगातार पांच विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं, हालांकि इस बार उनका चुनाव लड़ना तय नहीं माना जा रहा है. बीजेपी ने यहां से पूर्व महापौर आलोक शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. जानिए भोपाल की भोपाल उत्तर विधानसभा सीट का सियासी ताना बाना कैसा है. 

उत्तर सीट का सामाजिक ताना बाना

भोपाल उत्तर विधानसभा सीट के सामाजिक ताने-बाने की बात की जाए तो यहां मुस्लिम और सिंधी समाज के मतदाता सबसे ज्यादा प्रभाव रखते हैं, पुराने और नए भोपाल के बीच बटे इस विधानसभा क्षेत्र में 55 प्रतिशत के आसपास मुस्लिम मतदाता हैं, ऐसे में कांग्रेस यहां लगातार आरिफ अकील को मौका दे रही है, वहीं बीजेपी ने यहां बारी-बारी से मुस्लिम और हिंदू दोनों ही उम्मीदवारों को मौका दिया है. 

2018 में ऐसा था वोटर्स का समीकरण 

2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के आरिफ अकील और बीजेपी की फातिमा रसूल सिद्दीकी के बीच मुकाबला हुआ था, इस दौरान इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 44 हजार 524 वोटर्स थे, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 26 हजार 284 थी जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 18 हजार 234 थी. चुनाव में 63 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें नोटा के पक्ष में 1,368 लोगों ने वोट किया था. 

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भोपाल उत्तर सीट का सियासी समीकरण 

भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर यूं तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के प्रत्याशी चुनाव जीतते आए हैं. पहले इस सीट पर मुकाबला बराबरी का चलता था, लेकिन 1998 से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा हो गया और पिछले 25 सालों से यहां से आरिफ अकील ही विधायक हैं. बात अगर इस सीट के विधायकों की जाए तो यहां से अब तक यह नेता विधायक बने हैं. 

  • हामिद कुरैशी, जनता पार्टी, 1977 
  • रसूल अहमद सिद्दीकी, कांग्रेस, 1980
  • रसूल अहमद सिद्दीकी, कांग्रेस, 1995
  • आरिफ अकील, निर्दलीय, 1990 
  • रमेश शर्मा, बीजेपी, 1993 
  • आरिफ अकील, कांग्रेस, 1998
  • आरिफ अकील, कांग्रेस, 2003
  • आरिफ अकील, कांग्रेस, 2008
  • आरिफ अकील, कांग्रेस, 2013
  • आरिफ अकील, कांग्रेस, 2018 

आरिफ की जगह कांग्रेस ला सकती है नया उम्मीदवार 

भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने अब तक सभी प्रयास किए हैं लेकिन पार्टी को जीत नहीं मिली है. खास बात यह है कि इस बार आरिफ अकील स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर चुके हैं, जिससे माना जा रहा है कांग्रेस उनकी जगह नया उम्मीदवार उतारेगी. आरिफ अकील इस सीट से 25 सालों से विधायक हैं, ऐसे में पार्टी उनके परिवार में से ही किसी को टिकट दे सकती है. वहीं बात अगर बीजेपी उम्मीदवार आलोक शर्मा की जाए तो वह इस सीट पर दूसरी बार चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले भी आलोक शर्मा 2008 में आरिफ अकील के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन तब उन्हें 4 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. 

2018 में ऐसा रहा था परिणाम 

2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस के आरिफ अकील के खिलाफ पूर्व विधायक रसूल अहमद सिद्दीकी की बेटी फातिमा रसूल सिद्दीकी को मैदान में उतारा था. लेकिन उन्हें आरिफ अकील के हाथों 34,857 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने आरिफ बेग को उतारा था, लेकिन उन्हें भी 6 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था.

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