MP के 18 हजार निजी स्कूल हड़ताल पर, इन दो मांगों को लेकर हैं सरकार से नाराज!
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MP के 18 हजार निजी स्कूल हड़ताल पर, इन दो मांगों को लेकर हैं सरकार से नाराज!

राइट टु एजुकेशन एक्ट के तहत सभी निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को मुफ्त एडमिशन दिया जाता है. इसके साथ ही स्कूलों की तरफ से किताबें और यूनिफॉर्म भी दी जाती हैं.

MP के 18 हजार निजी स्कूल हड़ताल पर, इन दो मांगों को लेकर हैं सरकार से नाराज!

प्रिया पांडे/भोपालः मध्य प्रदेश के 18 हजार निजी स्कूल आज हड़ताल पर हैं और बंद रहेंगे. दरअसल निजी स्कूलों की यह हड़ताल अपनी दो मांगों को लेकर है. जिसमें 5वीं और 8वीं को बोर्ड करने का विरोध और आरटीई की फीस दीपावली से पहले भुगतान करने की मांग शामिल है. सोसाइटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर (सोपास) के आह्वान पर यह एक दिवसीय हड़ताल बुलाई गई है. 

सोसाइटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर का कहना है कि सरकार की तरफ से 14 अक्टूबर को आरटीई की फीस का भुगतान करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन अभी तक भुगतान नहीं किया गया है. सोपास की मांग है कि दीपावली से पहले आरटीई की फीस का भुगतान स्कूलों को कर दिया जाए. 

क्या है आरटीई फीस

बता दें कि राइट टु एजुकेशन एक्ट के तहत सभी निजी स्कूलों को 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को मुफ्त एडमिशन दिया जाता है. इसके साथ ही स्कूलों की तरफ से किताबें और यूनिफॉर्म भी दी जाती हैं. इस कानून के तहत इन बच्चों की स्कूल फीस 450 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से सरकार निजी स्कूलों को देती है. किताबें और यूनिफॉर्म स्कूलों को ही देनी होती है. सरकार की तरफ से निजी स्कूलों को मिलने वाली इसी आरटीई फीस का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है, जिसका भुगतान दीपावली से पहले करने की मांग स्कूलों द्वारा की जा रही है. 

निजी स्कूलों द्वारा 5वीं और 8वीं कक्षा के एग्जाम एमपी बोर्ड द्वारा कराए जाने का फैसला किया है. निजी स्कूलों द्वारा सरकार के इस फैसले का भी विरोध किया जा रहा है. स्कूलों की मांग है कि बीच सत्र में ही 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा कराने के आदेश को वापस लिया जाए. हालांकि निजी स्कूलों ने साफ किया है कि सरकार अगले सत्र से 5वीं और 8वीं को बोर्ड परीक्षा में शामिल कर सकती है. हाल ही में मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला किया था. फैसले के तहत सभी सरकारी और निजी स्कूलों में यह आदेश लागू होगा.  

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