सीएम शिवराज बोले-हम अंग्रेजी के विरोधी नहीं, लेकिन राष्ट्रभाषा के प्रति जागरूकता जरूरी
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सीएम शिवराज बोले-हम अंग्रेजी के विरोधी नहीं, लेकिन राष्ट्रभाषा के प्रति जागरूकता जरूरी

मध्य प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में होगी, प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई अब हिंदी में भी होगी. कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मेडिकल की पहली हिंदी किताब का विमोचन करेंगे. 

सीएम शिवराज बोले-हम अंग्रेजी के विरोधी नहीं, लेकिन राष्ट्रभाषा के प्रति जागरूकता जरूरी

प्रिया पांडे/भोपाल। भारत में अब मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में होगी, मध्य प्रदेश इसकी शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है. कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मेडिकल किताबों का हिंदी में किए अनुवाद वाली किताबों को लॉन्च करेंगे. उससे पहले आज राजधानी भोपाल में भारत भवन में आयोजित हुए हिंदी विमर्श कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां सीएम शिवराज के साथ हिंदी साहित्य से जुड़े साहित्यकार भी मौजूद रहे. इस दौरान सीएम शिवराज ने हिंदी को लेकर बड़ा बयान दिया. 

हम अंग्रेजी के विरोधी नहीं 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम "मुझे ज्यादा कुछ कहना नहीं है, क्योंकि हमें करना है, हिंदी विश्वविद्यालय उसी का परिणाम था ये अलग बात है कि कम सफल हुआ या ज्यादा. मानस में परिवर्तन हो रहा है आगे भी होगा, लेकिन कुछ शब्द जो अब व्यहवारिक हैं उन्हें भी शामिल करना होगा, अगर हम व्यहवारिक नहीं होंगे तो असफल हो जाएंगे. सीएम ने कहा कि हम अंग्रेजी के विरोधी नहीं है, लेकिन राष्ट्रभाषा के प्रति जागरूकता जरूरी है. आज यह मानसिकता गलत है कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं हो सकता है. मैंने कई मेडिकल कॉलेज के बच्चों को सिर्फ इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते देखा है क्योंकि उनकी अंग्रेजी अच्छी नहीं थी. लेकिन यह एक सामाजिक क्रांति है, कुछ भी असंभव नहीं है. जब मैंने घोषणा की थी कि तो कुछ लोग मुह पीछे कर के हंस रहे थे लेकिन अब हमने कर के दिखा दिया है कि मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी हो सकती है.''

मजाकिया अंदाज में भी दिखे सीएम शिवराज 
इस दौरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मजाकिया अंदाज में भी दिखे, उन्होंने कहा कि ''रूस, जापान, जमर्नी चाइना जैसे देशों में कौन अंग्रेजी को पूछता है? हम ही गुलाम हो गए, इस दौरान सीएम ने मजाकिया अंदाज में कहा दवाई के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते, ऊपर श्री हरि लिखो और नीचे दवाइयों का नाम लिखो जब हिंदी भाषा घर-घर पहुंचेगी, तब अंग्रेजी की चुड़ैल उतरेगी.'' सीएम के इतना बोलने के बाद लोग हंसने लगे. 

बदले जाएंगे अंग्रेजी में लगे सभी बोर्ड 
वहीं सीएम शिवराज के निर्देश के बाद अब अंग्रेजी में लगे सभी बोर्ड भी बदले जाएंगे, सीएम ने कहा कि अंग्रेजी में लिखे सभी बोर्ड भी बदल दो, उन्होंने भोपाल की महापौर मालती राय से कहा कि जो बदलाव किए जाने है, जल्द कीजिए मिलकर काम करेंगे, बोर्ड वेगेरा बदलने है बदल डालो.''

बता दें कि कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राजधानी भोपाल में मेडिकल की पहली हिंदी किताब का विमोचन करेंगे. इससे पहले सीएम शिवराज ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि चिकित्सा शिक्षा के लिए 16 अक्टूबर 2022 का दिन सबसे महत्वपूर्ण है. देश में पहली बार हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू कर मध्यप्रदेश एक नया इतिहास रचने जा रहा है. बता दें कि मध्य प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां अब मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी होगी.

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