सरकारी वकील ने कहा कि एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी का दंगे में शामिल होना, ऐसा है जैसे कानून के रखवाले का अपराध में शामिल होना!
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राकेश जायसवाल/खरगोनः खरगोन दंगे के आरोपी रिटायर्ड पुलिस अधिकारी की अग्रिम जमानत खारिज हो गई है. बता दें कि रिटायर्ड एएसआई नासिर अहमद पिता नजीर अहमद निवासी खरगोन पर आरोप है कि वह दंगे में शामिल थे. पुलिस अधिकारी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है. पुलिस ने नासिर पर 2 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया हुआ है.
खबर के अनुसार, रिटायर्ड एएसआई ने जिला अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी लेकिन कोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया है. अग्रिम जमानत का आवेदन प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश जीसी मिश्रा के सामने पेश किया गया था. सरकारी अधिवक्ता राजकुमार अत्रे ने रिटायर्ड पुलिस अधिकारी की अग्रिम जमानत का विरोध किया. सरकारी वकील ने कहा कि एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी का दंगे में शामिल होना, ऐसा है जैसे कानून के रखवाले का अपराध में शामिल होना! दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी.
बता दें कि नासिर अहमद पर आरोप है कि वह 10 अप्रैल 2022 को रामनवमी पर हुए दंगे में शामिल थे. आरोप है कि रामनवमी के जुलूस पर उपद्रवियों ने पथराव किया. जिसके बाद हिंसा भड़क गई. इस दौरान कई लोगों के घर जला दिए गए और घरों में घुसकर लूटपाट भी की गई. इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था. वहीं कुछ लोग अभी भी फरार हैं. रिटायर्ड एएसआई के खिलाफ पथराव, तोड़फोड़, आगजनी और विस्फोट के मामले में कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.
बता दें कि कुछ समय पहले ही पुलिस ने खरगोन दंगे के आरोपी बिच्छू गैंग के सरगना अफजल और उसके 7 साथियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने अफजल पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. अफजल के खिलाफ साल 2021 में एनएसए और 2022 में जिला बदर की कार्रवाई की गई थी.