मध्य प्रदेश में कमलनाथ का बड़ा दांव, बोले- सरकार बनते ही लागू करेंगे पुरानी पेंशन
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मध्य प्रदेश में कमलनाथ का बड़ा दांव, बोले- सरकार बनते ही लागू करेंगे पुरानी पेंशन

2023 चुनाव को देखते हुए कमलनाथ ने बड़ा ऐलान किया है. दरअसल कमलनाथ ने ट्वीट में लिखा है कि अगर अगले साल होने वाले चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनती है तो राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी. 

मध्य प्रदेश में कमलनाथ का बड़ा दांव, बोले- सरकार बनते ही लागू करेंगे पुरानी पेंशन

नई दिल्लीः मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा दांव चला है. दरअसल कमलनाथ ने वादा किया है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाएगी. बता दें कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारी पिछले काफी समय से पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. आगामी 2 अक्टूबर को भी कर्मचारियों ने बड़ा आंदोलन करने का ऐलान किया है. ऐसे में कमलनाथ के ताजा बयान को प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को लुभाने के तौर पर देखा जा रहा है. 

गौरतलब है कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो चुकी है. अब कमलनाथ ने भी इसे लागू करने का ऐलान कर दिया है. कमलनाथ इससे पहले भी प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की बात कह चुके हैं. उल्लेखनीय है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस ने ऐसा ही ऐलान किया है और राज्य में सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की बात कही है. गुजरात में भी इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. आम आदमी पार्टी भी अपने चुनावी वादों में पुरानी पेंशन योजना का लागू करने की बात कह रही है. 

क्या है पुरानी पेंशन को लेकर विवाद
1 जनवरी 2005 को देश में नेशनल पेंशन सिस्टम लागू है. जिसके तहत कर्मचारियों की सैलरी में से 10 फीसदी हिस्सा काटा जाता है और इतना ही हिस्सा केंद्र सरकार मिलाती है. कर्मचारी संगठनों के अनुसार, इस राशि को शेयर मार्किट में निवेश किया जाता है. इसके बाद रिटायरमेंट के वक्त कुल राशि में से 60 फीसदी राशि कर्मचारियों को एकमुश्त मिल जाती है और बाकी की 40 फीसदी राशि पेंशन के रूप में मिलती है. वहीं पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि पेंशन नियम 1972 के तहत मिलने वाली पुरानी पेंशन में सैलरी की आधी रकम पेंशन के रूप में मिलती थी और इतना ही नहीं डीएम में बढ़ोतरी के साथ ही पेंशन में भी बढ़ोतरी हो जाती थी.  

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