मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान Shivraj Singh Chauhan ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जबलपुर Jabalpur के अस्पताल में आग लगने की घटना की समीक्षा की. इस दौरान सीएम शिवराज ने कुछ बड़े एक्शन भी लिए थे, वहीं प्रदेश भर में अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम की जांच के आदेश भी दिए हैं.
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भोपाल/जबलपुर। जबलपुर Jabalpur के अस्पताल में लगी आग की घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान Shivraj Singh Chauhan ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग video conferencing के जरिए मामले की समीक्षा की. घटना को लेकर सीएम शिवराज ने कहा कि जबलपुर के न्यू लाइफ हॉस्पिटल में हुई अग्नि दुर्घटना बेहद दुखद है. लेकिन ऐसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं कि इस तरह की घटनाएं प्रदेश में दोबारा न हों, वहीं घटना में दोषी पाए गए अस्पताल प्रबंधन पर गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाए.
सीएमएचओ और फायर सेफ्टी ऑफिसर जिम्मेदार
वहीं घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले के जिम्मेदार सीएमएचओ और फायर सेफ्टी ऑफिसर है, ऐसे में उन्हें निलंबित करने के निर्देश दिए. सीएम के बाद बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के अलावा नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भी मौजूद थे.
पूरे प्रदेश में हो अस्पतालों की जांच
सीएम शिवराज ने कहा कि दोबारा प्रदेश में इस तरह की घटना न हो इसके लिए जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में अस्पतालों की जांच कराई जाए. अगर किसी भी अस्पताल में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था में कमी पाए जाए तो तुरंत उन अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएं. उन्होंने कहा कि दुर्घटनाएं रोकने के लिए फायर एनओसी, बिल्डिंग परमीशन और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी जरूरी है.
वहीं इस घटना से सीख लेकर अग्नि सुरक्षा नीति में परिवर्तन करने के लिए तत्कालीन और दीर्घकालीन कदम उठाए जाएं. अग्नि सुरक्षा के लिए अस्पताल, होटल और मल्टी भवनों पर एक समान नियम लागू करने की कार्रवाई भी की जाए.
जबलपुर की घटना में 8 लोगों की हुई थी मौत
दरअसल, कल जबलपुर के न्यू लाइफ हॉस्पिटल में दोपहर के वक्त जनरेटर फटने से आग लग गई थी. आग इतनी तेज थी कि इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि कई लोग घायल भी बताए जा रहे हैं. जिनका इलाज जारी है. घटना में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन अस्पताल में उपलब्ध नहीं थे, जिसके चलते आग तेजी से अस्पताल में फेल गई थी. वहीं इस घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के निर्देश दिए थे.
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