मध्यप्रदेश में व्यापम घोटाले को लेकर लगातार ही कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में भोपाल एसटीएफ ने इंदौर विजय नगर थाने में पदस्थ एक आरक्षक को हिरासत में लेकर छोड़ दिया है. खबर ये है कि आरक्षक ने फर्जी तरीके से नौकरी हासिल की है.
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शिव शर्मा/इंदौर: इंदौर में एक बार फिर व्यापम घोटाले का जिन्न निकल आया है. भोपाल एसटीएफ की टीम ने इंदौर के विजय नगर थाने पर पदस्थ एक पुलिसकर्मी को हिरासत में लिया और विभिन्न धाराओं में कार्रवाई कर उसे नोटिस पर छोड़ा है. इस मामले में चौंकाने वाली बात ये है कि आरक्षक के परिजनों की शिकायत पर ही पूरी कार्रवाई की गई है.
बता दें कि पुलिसकर्मी ने गलत जानकारी देकर पुलिस विभाग में नौकरी ली थी और उसी के बाद एसटीएफ की टीम ने करवाई कर नोटिस पर छोड़ा है.
दरअसल इंदौर के विजय नगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक धर्मेंद शर्मा जो कि थाने की स्पेशल टीम में शामिल है. उसने गलत जानकारी देकर पुलिस विभाग में नौकरी प्राप्त कर ली. इसके बारे मे आरक्षक के ही परिजनों ने पूरे मामले की जानकारी भोपाल एसटीएफ को कर दी. उसके बाद भोपाल एसटीएफ की टीम ने अपने स्तर पर पड़ताल कर एफआईआर की गई थी. जिसके बाद देर रात टीम आरक्षक धर्मेंद्र शर्मा को अपनी हिरासत में लेकर पूरे मामले में पूछताछ शुरू करने लगी.
5वीं तक ही पढ़ा आरक्षक!
पूछताछ के दौरान आरोपी आरक्षक धर्मेद्र शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण भी दर्ज किया गया है. फिलहाल इस पूरे मामले में आने वाले दिनों में इंदौर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी आरक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट में प्रारंभिक तौर पर ये बात भी सामने आ रही है कि आरक्षक करीब 5वीं क्लास तक ही पढ़ा हुआ है.