MP News: ईडी ने इंदौर में ड्रेनेज घोटाले के सिलसिले में 125 करोड़ रुपए के फर्जी बिलों के खिलाफ छापेमारी की. अभय राठौर और अनिल कुमार गर्ग के ठिकानों पर छापे मारे गए हैं, और पुलिस ने 22 फाइलों में हस्ताक्षर की जांच की है. इस मामले में कई ठेकेदार और आईएमसी अधिकारी गिरफ्तार हुए हैं.
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Indore Nagar Nigam Fake Bill Scam: इंदौर में ईडी ने एक साथ कई जगह छापा मारा. मामला 125 करोड़ रुपए के फर्जी बिल लगाकर घोटाले का बताया जा रहा है. ED ने इसी को लेकर घोटाले के मास्टर माइंड अभय राठौर, संयुक्त संचालक (ऑडिट) अनिल कुमार गर्ग के ठिकानों सहित 12 जगह छापे मारे हैं. नगर निगम में अकाउंटेंट अनिल गर्ग के ठिकानों पर ये छापामार कार्यवाई इस समय जारी है. ये महालक्ष्मी नगर में की जा रही है. पूरा मामला ड्रेनेज घोटाले को लेकर है. फर्जी बिल लगाकर करोड़ों का घोटाला करने के आरोप है.
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क्यों की गई छापेमारी?
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी ड्रेनेज घोटाले के सिलसिले में की गई. अनिल गर्ग पर फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपए का घोटाला करने का आरोप लगा है. ईडी की टीम ने अनिल गर्ग के घर और दफ्तर पर छापेमारी कर अहम दस्तावेज जुटाए. मामले को लेकर ED को संदेह है कि अनिल गर्ग ने नगर निगम में अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी बिल बनाकर घोटाला किया. ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के नाम पर यह घोटाला किया गया.
बिल घोटाले का मामला
इंदौर में ड्रेनेज बिल घोटाले की जांच में हाल ही में एक अहम खुलासा हुआ है.पुलिस ने 22 फाइलों की जांच की और पाया कि राहुल बडेरा और मोहम्मद जाकिर के हस्ताक्षर तो मौजूद थे, लेकिन अन्य अधिकारियों के हस्ताक्षर गायब थे.पता चला है कि यह घोटाला 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का है.इस मामले में कई ठेकेदारों और आईएमसी अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है.जानकारी से पता चलता है कि ठेकेदारों ने फर्जी बिल बनाए और ड्रेनेज सिस्टम को ठीक किए बिना ही करोड़ों रुपए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए.