Harda News: बैरागढ़ में पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हरदा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने फैक्ट्री स्थल का निरीक्षण किया और पीड़ितों से मुलाकात की.
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Harda Blast News: हरदा शहर के बैरागढ़ स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. इस घटना को लेकर राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह आज हरदा पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान पीड़ितों ने दिग्विजय सिंह को बताया कि इस घटना से उनका पूरा परिवार तबाह हो गया है. वहीं परिवार के कुछ सदस्य दिग्विजय सिंह के सामने रोते हुए भी नजर आए.
हादसा टाला जा सकता था- दिग्विजय सिंह
पीड़ितों से मिलने के बाद दिग्विजय सिंह ने सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'इस हादसे को आसानी से टाला जा सकता था. नियम-कानून का पालन कराना प्रशासनिक तंत्र की जिम्मेदारी है. यहां के कलेक्टर ने नियमों का पालन नहीं करने पर फैक्ट्री संचालक के खिलाफ टिप लिखी थी. नियमों की अनदेखी पर कलेक्टर ने लाइसेंस रद्द कर दिया था. लेकिन न जाने किस दबाव में आयुक्त नर्मदापुरम ने कलेक्टर का आदेश रद्द कर दिया'. उन्होंने कहा कि 'यह प्रशासनिक विफलता का जीता जागता उदाहरण है. उन सभी पर आपराधिक दायित्व लगाया जाना चाहिए जो इसके लिए जिम्मेदार हैं. साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए'. बता दें कि दिग्विजय सिंह ने विस्फोट में घायल और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
विशेष कमेटी का गठन
इस दुखद हादसे के बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से घटना को लेकर एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें हरदा के दो विधायक और कांग्रेस के दो नेताओं को शामिल किया गया है.
पटाखा फैक्ट्री में धमाके के बाद उजड़ गए परिवार
दरअसल मंगलवार को हुए पटाखा फैक्ट्री में धमाके के बाद आसपास के मकान पूरी तरह से जर्जर हो गए है. इसे लेकर अब पीड़ित परिवार सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि जल्द सर्वे कर उन्हें राहत राशि प्रदान करें. वहीं हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है. आयोग ने राज्य के पुलिस प्रमुख को भी नोटिस जारी किया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने एक बयान में कहा कि एक कथित वीडियो में लोगों के शव सड़कों और खेतों में बिखरे हुए दिखाई दे रहे हैं. आयोग ने चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
रिपोर्ट अर्जुन देवड़ा