अधिकारी व कर्मचारियों की हड़ताल का असर, बेजुबानों को नहीं मिल रहा समय पर इलाज
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अधिकारी व कर्मचारियों की हड़ताल का असर, बेजुबानों को नहीं मिल रहा समय पर इलाज

छत्तीसगढ़ में वेतन विसंगति को लेकर अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. जिसकी वजह से इन बेजुबान पशुओं और जानवरों का इलाज नहीं हो पा रहा है.

अधिकारी व कर्मचारियों की हड़ताल का असर, बेजुबानों को नहीं मिल रहा समय पर इलाज

सरगुजा:  इंसान के बीच पशु और पक्षियों से गहरा नाता रहा है. क्योंकि हर कोई अपने घर में कुत्ता,बिल्ली,चूहा,गाय ऐसे कई जानवर है. जिसका इंसान बखूबी ख्याल रखता है और इन्हें किसी भी तरीके से परेशानी ना हो इसके लिए समय-समय पर पशु चिकित्सालय जाकर इलाज भी करवाते हैं. लेकिन इन दिनों छत्तीसगढ़ में वेतन विसंगति को लेकर अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. जिसकी वजह से इन बेजुबान पशुओं और जानवरों का इलाज नहीं हो पा रहा है.

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दरअसल अंबिकापुर के पशु चिकित्सालय में जब ज़ी मीडिया की टीम ने पड़ताल किया तो पता चला कि पिछले कई दिनों से यहां जानवरों इलाज का नहीं किया जा रहा है और पशु चिकित्सालय खंडहर में तब्दील हो गया है. वहीं पशु चिकित्सालय में इलाज करवाने आने वाले लोगों को अपने पशु और जानवरों का बिना इलाज करवाएं बैरंग लौटना पड़ रहा है.

वैकल्पिक व्यवस्था होनी थी
इधर जब ज़ी मीडिया ने रोजाना पशु चिकित्सालय में बेजुबान जानवरों को खाना देने आने वाले पशु प्रेमी मिश्रा प्रवेश बंसल से बात की तो इन्होंने बताया कि डॉक्टर वेतन को लेकर भले ही हड़ताल पर चले गए है. लेकिन इन बेजुबान जानवरों के लिए वैकल्पिक चिकित्सा व्यवस्था करना चाहिए था. जिससे कि इन बेजुबान जानवरों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता..

बहरहाल छत्तीसगढ़ में वेतन विसंगति को लेकर पशु चिकित्सालय के अधिकारी और कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हो. लेकिन इन बेजुबान जानवरों का क्या कसूर कि इनको बेहतर इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. अब देखना होगा कि सरकार कब तक इनकी मांगों को पूरा करती है या इन बेजुबान जानवरों को यूं ही तड़पते हुए देखते रहेंगे इंसान.

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