द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सीएम शिवराज ने इसे एक अद्वितीय फैसला बताया है, उन्होंने कहा कि देश में पहली बार जनजातीय समाज से राष्ट्रपति होगा और यह देश के लिए गौरव का पल है.
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भोपाल। एनडीए ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है, पार्टी ने आदिवासी महिला नेता द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार बनाया है. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं और वह ओडिशा से आती हैं. सीएम शिवराज ने इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की, उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में एक अद्भुत, अद्वितीय फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुआ है.
देश में पहली बार जनजातीय समाज से राष्ट्रपति होगा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ''यह फैसला कि 'जनजातीय समाज की बहन अब देश के राष्ट्रपति होगी', इस ने पूरे देश को आनंदित तो किया ही है, गौरव से भी भर दिया है, विशेषकर जनजातीय समाज के लिए तो अत्यंत गर्व का विषय है कि देश में पहली बार जनजातीय समाज से राष्ट्रपति होगा.''
देश सेवा का नया इतिहास रचेगी द्रौपदी मुर्मू
सीएम ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू उन्होंने पार्षद, विधायक, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, एवं राज्यपाल, जो भी दायित्व उन्हें मिला उन्होंने प्रमाणिकता के साथ निभाया है. जिसका अब सभी को फायदा मिलेगा. मुझे पूरा विश्वास है कि देश की मुखिया के रूप में, संवैधानिक प्रमुख के रूप में द्रोपदी मुर्मू जी देश की सेवा का नया इतिहास रचेंगी.
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है. वो संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जो एक आदिवासी जातीय समूह है. वो झारखंड की पहली महिला राज्यपाल हैं. बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता हैं. जिन्हें किसी राज्य में राज्यपाल नियुक्त किया गया.
झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनी थी द्रौपदी मुर्मू
बता दें कि द्रौपदी मुर्मू वर्ष 2000 में गठन के बाद से पांच साल का कार्यकाल (2015-2021) पूरा करने वाली झारखंड की पहली राज्यपाल हैं. द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य और परिवहन और 6 अगस्त, 2002 से 16 मई, 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं. वो ओडिशा की पूर्व मंत्री और रायरंगपुर से विधायक हैं.
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