Madhya Pradesh News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछली कैबिनेट ने जिलों में साइबर तहसील लागू करने के निर्देश दिए थे. वर्तमान में 7 तहसीलदारों को संलग्न कर साइबर तहसील की व्यवस्था 12 जिलों में लागू है. इस प्रक्रिया को अविवादित नामांतरण और बंटवारे के प्रकरणों में लागू किया जाएगा.
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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में 02 फरवरी से साइबर तहसील की व्यवस्था लागू होने जा रही है. उज्जैन में आयोजित होने जा रहे एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह साइबर तहसील की नई व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लांच करेंगे. इस कार्यक्रम का सभी तहसील कार्यालय पर लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा. राजस्व विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर जानकारी दी है.
साइबर तहसील व्यवस्था लागू होने से तहसील कार्यालयों से जुड़े कई कार्य आनलाइन और पेपरलेस होंगे. इस व्यवस्था को लागू करने का मकसद भ्रष्टाचार को रोकना है. इसके अलावा जमीन या मकान खरीदने वाले व्यक्ति को नामांतरण के लिए नहीं भटकना होगा. रजिस्ट्री होते ही बिना आवेदन किए ही 15 दिन में नामांतरण ऑटोमेटिक हो जाएगा. इसके अलावा खसरा-नक्शा में भी तत्काल सुधार हो सकेगा. इस प्रक्रिया को अविवादित नामांतरण और बंटवारे के प्रकरणों में लागू किया जाएगा.
12 जिलों में लागू है साइबर तहसील की व्यवस्था
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछली कैबिनेट ने जिलों में साइबर तहसील लागू करने के निर्देश दिए थे. वर्तमान में 7 तहसीलदारों को संलग्न कर साइबर तहसील की व्यवस्था 12 जिलों में लागू है. साइबर तहसील की व्यवस्था सभी जिलों में लागू होने के बाद राजधानी के प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय में स्थापित साइबर तहसील में 15 तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों की आवश्यकता होगी.
इस तरह किया गया संशोधन
साइबर तहसील की व्यवस्था के लिए राजस्व विभाग द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 में संशोधन कर धारा 13-क में साइबर तहसील स्थापना के प्रावधान किए गए हैं. साइबर तहसील परियोजना अभी 12 जिलों सीहोर, दतिया, इंदौर, सागर, डिंडौरी, हरदा, ग्वालियर, आगर-मालवा, श्योपुर, बैतूल, विदिशा एवं उमरिया में चल रही है.