झीलों के शहर नाम से मशहूर राजधानी भोपाल स्थित बड़े तालाब की लहरों पर अब क्रूज और मोटर बोट का मजा आप नहीं ले पाएंगे. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने अपने एक फैसले में प्रदेश के सभी जलाशयों में क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर रोक लगाने का आदेश दिया है.
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MP News: झीलों के शहर नाम से मशहूर राजधानी भोपाल स्थित बड़े तालाब की लहरों पर अब क्रूज और मोटर बोट का मजा आप नहीं ले पाएंगे. न सिर्फ भोपाल बल्कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने अपने एक फैसले में प्रदेश के सभी जलाशयों में क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर रोक लगाने का आदेश दिया है.
बता दें कि NGT का ये फैसला नर्मदा नदी समेत प्रदेश में दूसरी नदी और जलस्त्रोंतों पर भी लागू होगा. जानकारी के मुताबिक एनजीटी का ये फैसला पर्यावरणविद् सुभाष पांडे की याचिका पर दिया है. जिसमें उन्होंने अपनी याचिका में पर्यावरण को होने वाले खतरे की बात कही थी.
इसलिए लिया गया ये फैसला
पर्यावरणविद् सुभाष पांडे ने मोटरबोट और क्रूज के संचालन की वजह से जलस्त्रोतों को होने वाले नुकसान की याचिका दाखिल की थी. जिसके मुताबकि मोटरबोट और क्रूज को चलाने के लिए डीजल का इस्तेमाल होता है, जो पर्यावरण के लिए खतरा बनता है. पानी में इस डीजल से अपशिष्ट पदार्थ मिल जाता है. जो पानी को गंदा करता है. यही कारण है कि एनजीटी ने ये फैसला दिया है.
अब सिर्फ ये बोट ही चलेगी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल इन वाटरलैंड में केवल फोर स्ट्रोक इंजन वाली बोट ही चलेगी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि डीजल इंजन से उत्सर्जित सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड पानी को एसिडिट बना देता है. जो इंसानों और जलीय जीवों के लिए काफी हानिकारक है. एनजीटी ने राज्स सरकार को 3 महीने में आदेश का पालन करने और कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
पर्यटन पर पड़ेगा असर
एनजीटी के इस फैसले का असर अब प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर जमकर पड़ने वाला है. गौरतलब है कि एमपी में सरकार ने क्रूज और मोटर बोट को बढ़ावा दिया है, लेकिन पर्यावरण को खतरा होता देख इसपर रोक लगा दी है. अब इसका सीधा असर क्रूज उघोगों पर पड़ेगा.