चंबल में गोलियां नहीं अब लगेगा गोल्डन पंच, धाकड़ गर्ल्स दिलाएंगी सोना, जानिए ये बड़ा बदलाव
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चंबल में गोलियां नहीं अब लगेगा गोल्डन पंच, धाकड़ गर्ल्स दिलाएंगी सोना, जानिए ये बड़ा बदलाव

आजादी के बाद दशकों तक डकैतों और अपराधों के साथ-साथ पैदा होते ही बेटियों को मार देने के लिए बदनाम भिंड जिला अब बदल रहा है. यहां के युवा और बेटियां पढ़ाई के साथ साथ खेलों में भी देश और प्रदेश स्तर पर जिले का नाम रोशन करने में जुटे हैं.

चंबल में गोलियां नहीं अब लगेगा गोल्डन पंच, धाकड़ गर्ल्स दिलाएंगी सोना, जानिए ये बड़ा बदलाव

प्रदीप शर्मा/भिंड: आजादी के बाद दशकों तक डकैतों और अपराधों के साथ-साथ पैदा होते ही बेटियों को मार देने के लिए बदनाम भिंड जिला अब बदल रहा है. यहां के युवा और बेटियां पढ़ाई के साथ साथ खेलों में भी देश और प्रदेश स्तर पर जिले का नाम रोशन करने में जुटे हैं. खेलों की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने भिंड की उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय को बॉक्सिंग रिंग प्रदान की है. जिसमें आधा सैकड़ा छात्रों छात्राएं दिन-रात प्रैक्टिस कर राष्ट्रीय स्तर पर खेल कर देश का नाम रोशन करने के सपने देख रहे हैं. इनमें से तीन दर्जन छात्र-छात्राओं का चयन जिला स्तरीय प्रतियोगिता में संभाग स्तर पर खेलने के लिए हुआ है.

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बेटियों का कहना हैं कि लड़कियां लड़कों से कम नहीं होती, और वह किसी भी क्षेत्र में कहीं भी पीछे नहीं है. अब वह पढ़ाई साथ साथ खेलों में भी अपने करियर को तलाश रहीं है. उनका कहना है कि बॉक्सिंग जैसे खेल में भी लड़कियां अपना करियर चुन सकती हैं. इसी वजह से उनके घर वाले भी बॉक्सिंग जैसे खेल की रिंग में बेटियों को भेजकर प्रोत्साहित कर रहे हैं.  

वहीं शिक्षक भी पूरी लगन के साथ उनको ट्रेनिंग दे रहे हैं. भिंड जिले के बेटे और बेटियों का लक्ष्य देश और प्रदेश स्तर पर गोल्ड हासिल कर भिंड जिले का नाम रोशन कर जिले के माथे पर डकैतों और अपराधियों के नाम के लगे कलंक हो मिटाना है.

शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे
आपको बता दें शिक्षा के क्षेत्र में भी बीते साल भिंड जिले के मेहगांव की दो सगी बहनों प्रियंका शुक्ला ओर मिनी शुक्ला ने यूपीएससी परीक्षा क्रेक कर आईपीएस में पहुंच कर सबको चौंका दिया तो बीहड़ के गांव गोरम के छात्र विकास सिंथिया भी यूपीएससी क्रेक कर आईएएस बने. इससे पहले भी भिंड ज़िले ने कई IAS और IPS अधिकारी दिए हैं. फिर चाहे वो निवसाई गांव के IAS दीपेन्द्र सिंह हो, अक़ोड़ा गांव के निवासी IAS धनंजय सिंह, पूर्व सांसद भगीरथ प्रसाद की बेटी सिमाला प्रसाद भी आज IPS अधिकारी हैं. इसी तरह फ़हरिस्त साल दर साल बढ़ रही है, और जो भिंड ज़िले का नाम देश में रोशन कर रहे हैं.

खेल की बात करें तो भिंड जिले की दिव्यांग बेटी पूजा ओझा ने पैराकेनो कायाकिंग में एशियन गेम्स में भारत का नाम रोशन कर गोल्ड दिलाया हैं. वहीं पूजा विश्व पैरा ओलंपिक के 10 खिलाड़ियों में 6वीं रैंक पर है, तो वहीं भिण्ड की 21 बेटियों ने 2020 में हुई प्रदेश स्तर की राइफल शूटिंग प्रतियोगिता में गोल्ड सहित कई मेडल हासिल कर जिले का नाम रोशन किया था.

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