Chhatisgarh News: चिंतामणि महाराज पर बरसे TS सिंहदेव, पुराने साथी को लेकर कही ऐसी बात होने लगी चर्चा
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Chhatisgarh News: चिंतामणि महाराज पर बरसे TS सिंहदेव, पुराने साथी को लेकर कही ऐसी बात होने लगी चर्चा

Surguja Lok Sabha Chunav: सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी चिंतामणि महाराज पर पूर्व उप मुख्यमंत्री और कद्दावर कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने हमला किया है और उन्होंने उन्हें  मलाई खाने वाला नेता बताया है.

Chhatisgarh News: चिंतामणि महाराज पर बरसे TS सिंहदेव, पुराने साथी को लेकर कही ऐसी बात होने लगी चर्चा

Lok Sabha Chunav: सरगुजा (Surguja)। लोकसभा चुनाव 2024 के बीच छत्तीसगढ़ में सियासत जोरों पर हैं. पूर्व उपुख्यमंत्री और कद्दावर कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने अपने पुराने साथ और कांग्रेस ने बीजेपी में शामिल होकर प्रत्याशी बने चिंतामणि महाराज पर निशाना साथा है. उन्होंने अपने पुराने साथी को मलाई खाने वाला बताया है. हालांकि, उनके बयान पर चिंतामणि महाराज का भी जवाब आया है और उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने को लेकर बड़ी बात कही है.

चुनावी माहौल में आरोप-प्रत्यारोप
चुनावी माहौल में राजनीतिक पार्टियों के द्वारा एक-दूसरे पर आरोप लगाना कोई नई बात नहीं है. लेकिन जब कोई नेता एक पार्टी छोड़कर दूसरे पार्टी में जाता है तो बयानबाजी का स्तर बदल जाता है. ऐसा ही बयानों के जरिए आरोप प्रत्यारोप सामने आया है सरगुजा से बीजेपी प्रत्याशी चिंतामणि महाराज और पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के बीच.

मलाई खाने वाले लोग
प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सांसद प्रत्याशी चिंतामणि महाराज पर निशाना साधा है. सिंहदेव ने कहा कि एक व्यक्ति के दूसरे पार्टी में शामिल हो जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता बल्कि लोग हंसते हैं. उन्होंने कहा कि जो 5 साल मलाई खाते हुए इधर दिखे और अब उधर मलाई खाते हुए दिखाई दे रहे हैं.

चिंतामणि महाराज ने कर दिया पलटवार
टीएस सिंहदेव के आरोपों को लेकर भाजपा से सांसद प्रत्याशी चिंतामणि महाराज का बयान भी सामने आया है. चिंतामणि महाराज ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. हम तो मलाई खाय ही नहीं हैं. मलाई खाने वाले जो हैं उनका नाम तो कहीं-कहीं आ रहा है.

चिंतामणि महाराज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में रहते हुए जैसा हम चाहते थे, वैसा कभी नहीं हुआ. हर एक काम के लिए वहां रोका जाता था लेकिन यहां तो अपने घर में आए हैं. स्वेच्छा अनुसार जनता के लिए करने का प्रयास कर रहे हैं. क्योंकि वहां रहकर जनता की सेवा नहीं कर पा रहे थे.

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