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मौनी अमावस्या पर नहीं जा पा रहे प्रयागराज, तो MP की इन पवित्र नदियों में करें स्नान, मिलेगा गंगा बराबर लाभ

Mauni Amavasya 2025: प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन चल रहा है. महाकुंभ में मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ समेत देशभर के श्रद्धालु प्रयागराज आ रहे हैं. 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है. इस दिन महाकुंभ का सबसे बड़ा अमृत स्नान होगा. मौनी अमावस्या पर भारी संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे. ऐसे में आज हम आपको एमपी की कुछ ऐसी नदियों के बारे में बताएंगे जहां आप मौनी अमावस्या पर स्नान कर सकते हैं. 

टिकट की लंबी वेटिंग

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टिकट की लंबी वेटिंग

यदि आप मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और मौनी अमावस्या पर प्रयागराज जाने वाले हैं अभी तक टिकट नहीं बुक कर पाएं हैं तो अब आपको महाकुंभ में डुबकी लगा पाना मुश्किल होगा. क्योंकि भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, इंदौर समेत एमपी के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से कुंभ मेले जाने वाली ट्रेनों में लंबी-लंबी वेटिंग चल रही है. वहीं, भीड़ को देखते हुए निजी बसों के किराए भी बढ़ गए हैं.

 

एमपी की पवित्र नदियां

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एमपी की पवित्र नदियां

अगर आप मध्य प्रदेश से हैं और आप भीड़ से बचना चाह रहे हैं. साथ ही आपकी इच्छा है कि मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान का लाभ मिले तो आपको आज हम मध्य प्रदेश के उन पवित्र नदियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें आप मौनी अमावस्या पर स्नान कर पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं...

 

 

शिप्रा नदी में करें स्नान

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शिप्रा नदी में करें स्नान

मध्य प्रदेश के उज्जैन में मौनी अमावस्या के विशेष अवसर पर स्नान कर सकते हैं. शिप्रा में स्नान करने का सौभाग्य मिलना दुर्लभ पुण्य है. गंगा की ही तरह शिप्र नदी भी मोक्षदायनिती हैं. उज्जैन की पौराणिक शिप्रा नदी की महत्ता स्कंद पुराण में भी वर्णित हैं.

 

 

शिप्रा नदी का महत्व

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शिप्रा नदी का महत्व

प्रयागराज की तरह ही उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर हर 12 साल पर महाकुंभ मेले का आयोजना होता है. यह नदी मध्यप्रदेश में बहने वाली एक प्रसिद्ध और पौराणिक नदी है. शिप्रा को मालवा की गंगा के रूप में भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि शिप्रा नदी का स्मरण करने मात्र से मनुष्य के सारे संचित पाप नष्ट हो जाते हैं.

 

 

नर्मदा नदी में करें स्नान

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नर्मदा नदी में करें स्नान

 

आप मौनी अमावस्या पर जबलपुर स्थित नर्दा नदी में स्नान कर पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं. नर्मदा नदी को गंगा नदी के समकक्ष माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि गंगा नदी में नहाने के बाद पापों से मुक्ति मिली है, लेकिन नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है. 

 

 

यहां भी कर सकते हैं स्नान

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यहां भी कर सकते हैं स्नान

 

आप मौनी अमावस्या पर जबलपुर के अलावा नर्मदापुरम, बुधनी, जबलपुर, डिंडौरी, नरसिंहपुर हरदा, मांधाता, ओंकारेश्वर, बड़वाह, मंडलेश्वर, महेश्वर, मंडला, भरूच, राजपीपला, शिनोर, डभोई, करजण, धरमपुरी से बहने वाली नर्मदा नदी में भी स्नान कर सकते हैं. 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी लोक आस्था और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. zee news इसकी पुष्टि नहीं करता है.