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शौक ने दिलाई पहचान! 64 की उम्र में गजब का जुनून, इनके पास मिलेंगे डाक टिकटों, नोटों के दुर्लभ कलेक्शन; देखें फोटो

Rare Collection of Old Notes And Postal Ticket: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर (Surajpur) के रहने वाले श्याम सुंदर अग्रवाल (Shyam Sundar Agarwal) ने अपनी शौक की बदौलत नोटों और डाक टिकटों का अनोखा संग्रहण किया है. उनके पास आजादी पहले से लेकर देश विदेश के डाक टिकट (Postage stamp) मौजूद हैं. फोटो में देखें 64 की उम्र में शौक से मिल रही पहचान...

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पिता से मिली सीख

अक्सर लोगों को घर जमीन जायदाद विरासत में मिलती है. लेकिन, श्याम सुंदर कहते हैं कि नोटों को इकट्ठा करने का ये शौक उन्हें विरासत में मिला है. उनके मुताबिक उनके पिता डाक टिकट, चिट्ठियां इकट्ठा करते थे जिसको देखकर उनके भी अंदर इस चीज को लेकर जिज्ञासा जागी और फिर उन्होंने भी इसका कलेक्शन करना शुरू कर दिया. 

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डाक टिकटों के थे शौकीन

श्याम सुंदर ने कहा कि वो डाक टिकटों के काफी ज्यादा शौकीन थे. पहले वो डाक टिकट इकट्ठा करते थे. लेकिन, अब चिट्ठी का जमाना नहीं रहा और डाक टिकटें मिलना बंद हो गया है. लेकिन इनका शौक अब तक खत्म नहीं हुआ है. अब श्याम सुंदर दुर्लभ नंबरों के नोटों का संग्रहण कर रहे हैं. इनके पास दुर्लभ अंकों वाले रुपयों का अच्छा खासा संकलन मौजूद है.

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1940 का डाक टिकट

श्याम सुंदर ने बताया कि उनके पास 1940 से टिकट संग्रहित हैं. इनके संग्रहण में एक ऐसा डाक टिकट भी है जो अब दुर्लभ है. यह टिकट एशियाई खेलों के समय जारी किया गया था. जिसमें महाभारत का प्रसंग है. इस टिकट में श्रीकृष्ण को धनुष चलाते दिखाया गया है और अर्जुन बगल में खड़े हैं. जबकि होना यह था कि अर्जुन को धनुष चलाते दिखाया जाना था और श्रीकृष्ण को बगल में खड़े होना था. कहा जाता है कि डाक टिकट की गलती से ये टिकट छप गया था.

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1 लाख टिकटों का संग्रहण

श्याम सुंदर के मुताबिक उन्होंने एक लाख मूल्य से ऊपर की डाक टिकटें संग्रहण कर रखा है. जिसमें संपूर्ण भारत की झांकी परिलक्षित है. जिसमें स्वतंत्रता सेनानी, राजनेताओं, महापुरुषों, धार्मिक, सांस्कृतिक एकता, संधि मैत्री, चलचित्र, खेलों व पुरस्कारों के उपलक्ष्य में जारी होने वाले टिकटों का भी संग्रहण है. 

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विदेशी टिकट भी मौजूद

श्याम सुंदर ने न केवल भारतीय टिकट इकट्ठा किया है बल्कि विदेशों के भी टिकट इनके पास है. ये एक पैसे से लेकर 50 पैसे तक के साथ ही ढेर सारी विदेशी डाक टिकटों का संग्रहण किए हैं. इन टिकटों में भूटान देश का डाक टिकट है जो रेशमी कपड़ों में कलात्मक कारीगरी के साथ मेंटल में जारी की गई टिकट है. कहा जा रहा है कि ये टिकट सबसे अलग थी जिसे सिर्फ भूटान ने जारी किया था. 

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नोटों के सीरियल नंबर है वीआईपी

डाक टिकट बंद हो जाने के बाद श्याम सुंदर ने नोटों को इकट्ठा करने की तरफ रूख किया और इसका भी बड़ा कलेक्शन अपनी शौक की बदौलत कर लिया है. इस समय इनके पास लगभग 500 ऐसे नोट हैं जिसका सीरियल नंबर काफी वीआईपी माना जाता है. इसके इसके अलावा इनके पास ऐसे भी नोट मौजूद हैं. जिसकी छपाई सही ढंग से नहीं हुई है. ऐसे नोटों का संग्रहण करने वाले श्याम सुंदर के शौक ने उन्हें अन्य लोगों से अलग कर दिया है.