Morocco Earthquake: मोरक्को में विनाशकारी भूकंप से अब तक 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, करीब 1400 लोग घायल हैं. कई लोग लापता भी हैं.
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Morocco Earthquake Update: अफ्रीकी देश मोरक्को में शुक्रवार देर रात आए भूकंप ने पूरे शहर में तबाही मचाकर रखी है. विनाशकारी भूकंप में अब तक 2000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1400 से ज्यादा लोग घायल हैं. कई लोगों का पता भी नहीं है. शुक्रवार देर रात करीब 11 बजे मोरक्को के मराकेश के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.8 मापी गई. भूंकप की वजह से कई घर और पुरानी इमारतें तबाह हो गई हैं. UNESCO की हेरिटाइज साइट को भी नुकसान हुआ है.
शहर में सिर्फ मलबा ही मलबा
शहर में आए तेज भूकंप की वजह से कई इमारतें मलबे में बदल गईं. पतली-पतली गलियों में हर ओर सिर्फ मलबा ही मलबा नजर आ रहा है. UNESCO की विश्व धरोहर स्थल ऐतिहासिक माराकेश की लाल दीवारें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.
मोरक्को गृह मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस आपदा में सबसे ज्यादा पुराने शहर में नुकसान पहुंचा है. इमारतें ढह गईं और हर ओर सिर्फ धूल का गुबार नजर आया. इस मंजर की कई फोटोज और वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आए हैं.
यहां रहा भूकंप का सेंटर
मडिया रिपोर्ट में भूकंप का एपिसेंटर एटलस पर्वत के पास इघिल नाम का गांव बताया जा रहा है. ये गांव माराकेश शहर से 70 किलोमीटर दूर है. मोरक्को में आए भूकंप की गहराई जमीन से 18.5 किलोमीटर नीचे थी. इसके अलावा पुर्तगाल और अल्जीरिया में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.
PM मोदी ने जताया दुख
मोरक्को में आए इस विनाशकारी भूकंप की घटना पर PM मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- मोरक्को में भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि से अत्यंत दुख हुआ. इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं. उन लोगों के प्रति संवेदना, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है.
मोरक्को में 3 दिन का राष्ट्रीय शोक
मोरक्को में तबाही मचा चुके भूकंप के बाद तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. राजा मोहम्मद VI ने इसकी घोषणा की. इस दौरान सभी सार्वजनिक भवनों पर झंडे आधे झुके रहेंगे. US जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक उत्तरी अफ्रीका में भूकंप काफी दुर्लभ है. इससे पहले साल 1960 में अगादिर के पास 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था, तब भी हजारों लोगों की जान गई थी.