'भोपाल गैस त्रासदी' की रात राजधानी में ही थे CM मोहन यादव, मुख्यमंत्री ने बताया 40 साल पुराना किस्सा
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'भोपाल गैस त्रासदी' की रात राजधानी में ही थे CM मोहन यादव, मुख्यमंत्री ने बताया 40 साल पुराना किस्सा

Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर सीएम मोहन यादव ने बताया कि 40 साल पहले उस रात वह भी भोपाल में मौजूद थे, अगले दिन सुबह वह मौके पर भी पहुंचे थे. 

सीएम मोहन ने सुनाया भोपाल गैस त्रासदी की रात का किस्सा

CM Mohan Yadav: 'भोपाल गैस त्रासदी' एक ऐसी घटना है, जिसे पूरा भोपाल शहर भूले नहीं भूलता है. क्योंकि 40 साल पहले 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में शामिल हैं, जिसमें हजारों लोग प्रभावित हुए थे, न जाने कितने लोगों की जान गई थी. भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर सीएम मोहन यादव ने इस घटना में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि 40 साल पहले हुई इस घटना की रात में वह भी भोपाल में ही मौजूद थे. अगले दिन सुबह वह घटनास्थल पर भी पहुंचे थे, जहां का नजारा देख सब हैरान हो गए थे. 

सीएम मोहन ने सुनाया 40 साल पुराना किस्सा 

दरअसल, उन दिनों सीएम मोहन यादव विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए थे, जिसके चलते वह भोपाल आते-जाते रहते थे. भोपाल में जिस दिन गैस का रिसाव हुआ था, उस दिन सीएम मोहन विद्यार्थी परिषद की एक मीटिंग में शामिल होने आए थे. उन्होंने बताया 'जिस रात यह घटना हुई थी उसी दिन विधायक विश्राम ग्रह में विद्यार्थी परिषद की एक बैठक हुई थी, जिसमें कई सीनियर पदाधिकारियों के साथ मैं भी शामिल था, ऐसे में जब इस घटना की जानकारी सबको लगी तो हम अगली सुबह मौके पर पहुंचे थे. गैस का प्रभाव देखकर हम सब हैरान रह गए थे. क्योंकि ऐसी त्रासदी शायद की कभी किसी ने देखी हो जैसी भोपाल शहर ने देखी थी.'

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सीएम मोहन ने कहा कि उस रात का नजारा देखकर हर कोई डर गया था. इसलिए इस त्रासदी में जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए मैं प्रार्थना करता हूं और यह भी भगवान से प्रार्थना करता हूं कि प्रभावित नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य मिले और उनके जीवन में शांति और समृद्धि आए. बता दें कि 40 साल पहले हुई गैस त्रासदी में प्रभावित कई लोगों का आज भी इलाज चल रहा है. 

भोपाल में 8:30 बजे के आसपास रिसी थी गैस 

भोपाल गैस त्रासदी 2 दिसंबर 1984 की रात में हुई थी, जहां यूनियन कार्बाइड प्लांट से रात में साढ़े 8 बजे के आसपास जहरीली गैस का रिसाव शुरू हुआ था, जिसने देखते ही देखते शहर के बड़े हिस्से को घेर लिया था. गैस के संपर्क में आने से कई लोग मारे गए जबकि कई लोग गंभीर रूप से अपंग हो गए थे, इस घटना में हजारों लोगों की जान गई थी, जबकि लाखों लोग प्रभावित हुए थे. यह त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक मानी जाती है. घटना के बाद से अब तक कई अहम कदम उठाए गए हैं, मध्य प्रदेश शासन ने भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ा एक विभाग भी बनाया है. 

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