जेल से बाहर आने पर बोले आकाश विजयवर्गीय, अब बल्ले से नहीं गांधीवादी तरीके से काम करूंगा
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जेल से बाहर आने पर बोले आकाश विजयवर्गीय, अब बल्ले से नहीं गांधीवादी तरीके से काम करूंगा

नगर निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई करने के मामले में बीजेपी MLA को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं उनकी खुद की पार्टी ने भी उनके इस व्यवहार की आलोचना की है और इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है.

जेल से बाहर आए बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय (फोट साभारः ANI)

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में नगर निगम अधिकारी से विवाद के दौरान बेट से पिटाई करने वाले विधायक और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) जेल से बाहर आ गए हैं. ऐसे में जेल के बाहर खड़े समर्थकों ने फूल-माला पहनाकर उनका जोरदार स्वागत किया. जेल से बाहर आने पर आकाश विजयवर्गीय का कहना है कि 'अब से वह गांधीवादी तरीके से काम करेंगे और बल्ला नहीं थामेंगे.' बता दें नगर निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई करने के मामले में बीजेपी MLA को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं उनकी खुद की पार्टी ने भी उनके इस व्यवहार की आलोचना की है और इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है.

वहीं जब आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम के अधिकारी की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ तो इस पूरे मामले पर पत्रकारों ने पिता कैलाश विजयवर्गीय से इस मामले पर सवाल किया, तो वह पत्रकारों पर बुरी तरह से भड़क उठे और कहा कि मेरा बेटा गलत काम नहीं कर सकता. फिर जब पत्रकार ने दोबारा पूछा कि यह तो वीडियो में दिख रहा है कि आकाश अधिकारियों की पिटाई कर रहे हैं. इस पर वह और ज्यादा भड़क गए और पत्रकार को कहा कि आप जज हैं क्या?

जेल से बाहर आए बीजेपी MLA आकाश विजयवर्गीय, बल्ले से की थी अफसर की पिटाई

बता दें बीते बुधवार को एक जर्जर मकान गिराने गई इंदौर नगर निगम की टीम के एक अधिकारी के साथ भाजपा विधायक आकाश ने बैट से मारपीट कर दी थी, जिसके बाद हर तरफ यह मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है. वहीं इस पूरी घटना के बाद इंदौर पुलिस ने विधायक आकाश विजयवर्गीय के साथ ही करीब 10 और लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकाना), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी और भाजपा महासचिव के बेटे (आकाश विजयवर्गीय) को हिरासत में ले लिया था.

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