यूं तो एक शहर में केवल एक ही लोकल सिविक बॉडी होती है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन-तीन लोकल सिविक बॉडीस् हैं. NDMC, MCD & CANTONMENT BOARD के साथ छोटे से दिल्ली की जिम्मेदारी कुल तीन हिस्सों में विभाजित है.
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नई दिल्ली: लुटियंस दिल्ली, दिल्ली का वो इलाका जहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भारत के केंद्रीय मंत्री से लेकर देश के तमाम आला अफसर रहते हैं यानी की जहां से पूरे देश को चलाया जाता है, वो लुटियंस दिल्ली, दिल्ली नगर निगम की पहुंच से दूर नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) के कार्यक्षेत्र का हिस्सा है. ऐसा करने के तमाम कारण हैं. तो क्या है नई दिल्ली नगर परिषद, क्यों इसके कार्यक्षेत्र में केवल 3% दिल्ली ही आती है?
क्या है नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC)?
साल 1911 में अंग्रेज सरकार ने भारत की राजधानी को कलकत्ता (कोलकाता) से दिल्ली स्थानांतरित करने का फैसला लिया. 12 दिसंबर 1911 को घोषणा की गई कि दिल्ली देश का प्रशासनिक केंद्र और उस समय के वायसरॉय का निवास बनाया जाएगा. एक कमेटी का गठन कर नई जगह की तलाश शुरू कर दी गई. कई सारी जगहों का परीक्षण करने के बाद दिल्ली के रायसीना हिल्स को भारत के नई राजधानी के तौर पर फाइनल किया गया. काम शुरू हुआ. फरवरी 1916 को दिल्ली के चीफ कमिश्नर ने रायसीना हिल्स कमेटी का गठन किया. अंग्रेजी सरकार में पहली बार आम लोगों ने लोकल मुद्दों में शरीक होना शुरू किया, बाद में इसे ही नई दिल्ली नगर परिषद बना दिया गया.
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क्या हैं नई दिल्ली नगर परिषद के कार्य?
साल 1916 में नई दिल्ली नगर निगम के जिम्मे केवल साफ-सफाई के ही काम हुआ करते थे, साल 1925 से निगम के कामों में कई गुना इज़ाफा हुआ और साल 1931 से इमारतों, सड़कों, सीवर, चिकित्सा और पब्लिक हेल्थ का काम भी निगम के हवाले दिया गया. सन् 1932 में विद्युत वितरण और पानी सप्लाई का काम भी निगम को सौंप दिया गया. साल 1994 में नई दिल्ली नगर परिषद को संसद के द्वारा नई दिल्ली नगर परिषद एक्ट पारित कर और अधिक शक्तिशाली बनाया गया. आज के समय में निगम के पास सौंदर्यीकरण, विजिलेन्स, पार्किंग, कल्याण विभाग जैसे कई अन्य विभाग हैं.
NDMC, MCD और CANTONMENT BOARD में अंतर
नई दिल्ली नगर निगम के तहत लुटियंस दिल्ली का ही काम आता है, जहां सड़कें, सुरक्षा व्यवस्था, सौंदर्यीकरण, पार्किंग, चिकित्सा, स्वास्थ्य जैसे विभाग हैं, हालांकि NDMC केन्द्र सरकार के अंतर्गत आता है और पूरी दिल्ली का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा ही NDMC के दायरे में आता है. जबकि दिल्ली नगर निगम में दिल्ली के 9 जिले यानी की 97 प्रतिशत दिल्ली MCD के अधीन है, जहां MCD साफ-सफाई, हाउसिंग, सड़कें, नालियां, पार्क्स, स्कूल्स आदि की ज़िम्मेदारियां संभालती है.
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वहीं, दिल्ली कैन्ट जो कि 10452 एकड़ में फैला हुआ है, कैन्टोनमेंट बोर्ड के अंडर आता है. जहां 110351 लोग रहते हैं. कैन्टोनमेंट बोर्ड के तहत 8 विद्यालय और एक अस्पताल आता है. बात करें कैन्ट की जिम्मेदारियों की तो साफ-सफाई, स्वास्थ्य, प्राथमिक शिक्षा, पानी की सप्लाई आदि आते हैं.